गुरुवार, 25 सितंबर 2025

परमवीर चक्र विजेता सूबेदार मेजर (Honorary Lieutenant) संजय कुमार की प्रेरणादायक जीवनी #Kargil ka yuddh

कारगिल युद्ध में परमवीर चक्र विजेता सूबेदार मेजर (Honorary Lieutenant) संजय कुमार की वीरता, परमवीर चक्र सम्मान और प्रेरणादायक जीवन यात्रा जानिए...🌹 


JAK Rifles #सूबेदार मेजर #परमवीर चक्र विजेता #Honorary Lieutenant #प्रेरणादायक #परमवीर चक्र #Rifleman


परिचय :- भारत की सेना में बहादुरी और देशभक्ति की मिसाल बने सूबेदार मेजर ऑनरी लेफ्टिनेंट  संजय कुमार (Honorary Lieutenant, Subedar Major, परमवीर चक्र) का नाम आज भी गर्व से लिया जाता है। वे भारत की उन चुनिंदा जिंदा़ परमवीर चक्र विजेताओं में से एक हैं। 

Subedar Major (Honorary Lieutenant) संजय कुमार का प्रारंभिक जीवन और पृष्ठभूमि : 


    🚺 न्म एवं परिवार :- Rifleman संजय कुमार का जन्म 3 मार्च 1976 को हिमाचल प्रदेश के बिलास्पुर जिले की गाँव कलोल बकाइँ (Kalol Bakain) में हुआ। उनके परिवार की पृष्ठभूमि सामान्य थी।

    🚺 शैक्षिक एवं रोज़गार जीवन :-  स्कूल शिक्षा Rifleman Sanjay Kumar अपने गृह गांव के सरकारी स्कूल से पूरी की। 

    🚺 सेना में शामिल होने से पहले, उन्होंने दिल्ली में टैक्सी चलाने का काम किया था। 

    🚺 उनके आवेदनों में शुरुआत में तीन बार अस्वीकृति हुई थी, लेकिन हार न मानने वाले संकल्प ने उन्हें आगे बढ़ने में मदद की। 

 

भारतीय सेना (13 JAK Rifles) में करियर और कारगिल युद्ध में वीरता 

सेना में प्रवेश 

Rifleman संजय कुमार ने 26 जून 1996 को 13 Jammu & Kashmir Rifles (13 JAK Rif) बटालियन में शामिल होकर सेना जीवन की शुरुआत की। 

कारगिल युद्ध  और Point 4875 का अभियान : 

👉 1999 के कारगिल युद्ध के दौरान, 4 जुलाई 1999 को, Rifleman संजय कुमार को Point 4875 (Flat Top / Area Flat Top) के कब्ज़े के अभियान में हिस्सा लेने वाले अग्रिम दल का लीड स्काउट (leading scout) बनाया गया। 

👉 जब भारतीय सैनिकों की पेशकश दुश्मन की मशीनगन की आग की वजह से रुकी, तब संजय कुमार ने अकेले ही एक खतरनाक चढ़ाई (steep slope) पर चुपके से आगे बढ़ते हुए दुश्मन बंकर पर हमला किया 


👉 वे दो गोले सीने व बांह में लगने के बावजूद, आगे बढ़े। हाथ-मुक्का (hand-to-hand combat) में उन्होंने तीन दुश्मन सैनिकों को मार गिराया। इसके बाद उन्होंने एक Universal Machine Gun (UMG) छीन ली और दुसरे बंकर को भी निशाना बनाया, जहाँ दुश्मन भागनेलगे 


👉 उनकी इस साहसिक कार्रवाई से अन्य साथियों को आत्मबल मिला और भारतीय सैनिकों ने Point 4875 (Flat Top, Area Flat Top) को सफलतापूर्वक कब्जा कर लिया।

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परमवीर चक्र सम्मान 

उनकी इस अद्वितीय वीरता के लिए उन्हें 15 अगस्त 1999 को भारत का सर्वोच्च युद्धकालीन सम्मान परमवीर चक्र (ParamVir Chakra, पीवीसी) से नवाजा गया। 

परमवीर चक्र विजेता की कारगिल युद्ध के बाद की सेवा और पदोन्नति 
  • Kargil ka yuddh के बाद उन्होंने सेना में सेवा जारी रखी। 
  • फरवरी 2022 में उन्हें सूबेदार मेजर (Subedar Major) के पद पर पदोन्नत किया गया।
  • उन्हें Honorary Lieutenant (सम्मानयुक्त लेफ्टिनेंट) का पद भी प्रदान किया गया है।
  • कुछ समाचारों के अनुसार, उन्हें National Defence Academy, Pune / Khadakwasla में तैनात किया गया था। 

 

प्रेरणा और सामाजिक योगदान 

  • आज भी परमवीर चक्र विजेता सूबेदार मेजर (Honorary Lieutenant) संजय कुमार की कहानी देश भर में युवाओं को सेना में जानेबलिदानदेशभक्ति और साहस का भाव सीखाती है।
  • परमवीर चक्र विजेता समय-समय पर सैनिकों और विभिन्न कार्यक्रमों में उपस्थित होते हैं, अपने अनुभव साझा करते हैं और नयी पीढ़ी को प्रेरित करते हैं।
  • हाल ही में, उन्हें संजय द्वीप (Sanjay Dweep) नामक एक द्वीप से सम्मानित किया गया जो उनके नाम पर नामित किया गया है।
  • इंडिगो एयरलाइन ने एक उड़ान के दौरान उन्हें सम्मानित किया और ट्वीट सोशल मीडिया पर साझा किया गया।

  

निष्कर्ष :-  परमवीर चक्र विजेता सूबेदार मेजर (Honorary Lieutenant) संजय कुमार का जीवन हमें याद दिलाता है कि संकल्पविश्वासनिडरता और कर्तव्यपरायणता कैसे किसी व्यक्ति को राष्ट्र का हीरो बना सकती है। उनकी वीरता न सिर्फ युद्ध के मैदान में चमकी, बल्कि आने वाली पीढ़ियों को प्रेरित करने वाली अमिट प्रेरणा बन गई। 

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🟢 FAQ Section (प्रश्नोत्तर) 

प्रश्न 1: Rifleman संजय कुमार कौन हैं ?

उत्तर: Rifleman संजय कुमार भारतीय सेना की 13 जम्मू-कश्मीर राइफल्स के जवान हैं, जिन्होंने 1999 के करगिल युद्ध में अद्वितीय वीरता दिखाई। उन्हें भारत का सर्वोच्च युद्धकालीन सम्मान परमवीर चक्र प्रदान किया गया।

प्रश्न 2: Rifleman संजय कुमार को परमवीर चक्र क्यों मिला ?

उत्तर: करगिल युद्ध के दौरान Point 4875 पर हमला करते समय संजय कुमार ने अकेले दुश्मन बंकर पर कब्जा किया, घायल होने के बावजूद तीन पाकिस्तानी सैनिकों को मार गिराया और मशीनगन छीनकर दुश्मन को पीछे हटने पर मजबूर कर दिया। इस असाधारण वीरता के लिए उन्हें परमवीर चक्र से सम्मानित किया गया।

प्रश्न 3: संजय कुमार का जन्म कहाँ हुआ था ?

उत्तर: संजय कुमार का जन्म 3 मार्च 1976 को हिमाचल प्रदेश के बिलासपुर जिले के कलोल बकाइँ गाँव में हुआ था।

प्रश्न 4: करगिल युद्ध में संजय कुमार की भूमिका क्या थी ?

उत्तर: वे लीडिंग स्काउट के रूप में दुश्मन की मशीनगन पोजीशन पर चढ़ाई कर रहे थे। गोली लगने के बावजूद उन्होंने दुश्मन के बंकर पर कब्जा किया और बाकी सैनिकों के लिए रास्ता साफ किया।

प्रश्न 5: संजय कुमार वर्तमान में कहाँ सेवा दे रहे थे ?

उत्तर: कारगिल युद्ध के बाद भी उन्होंने सेना में सेवा जारी रखी। फरवरी 2022 में उन्हें सूबेदार मेजर पद पर पदोन्नत किया गया। साथ ही, उन्हें Honorary Lieutenant की मानद उपाधि भी मिली थी।

प्रश्न 6: क्या संजय कुमार जीवित परमवीर चक्र विजेताओं में शामिल हैं ?

उत्तर: हाँ, संजय कुमार भारत के कुछ चुनिंदा जिंदा परमवीर चक्र विजेताओं में शामिल हैं और आज भी सैनिकों व युवाओं को प्रेरित कर रहे हैं।


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🙏🇮🇳जय हिन्द🇮🇳🙏 

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मंगलवार, 23 सितंबर 2025

गढ़वाल राइफल्स के राइफलमैन गणेश जोशी : एक सैनिक से मंत्री तक का प्रेरणादायक सफ़र #Uttarakhand Soldier Welfare Minister Rifleman Ganesh Joshi

जानें, गढ़वाल राइफल्स के Rifleman Ganesh Joshi कैसे बने सैनिक कल्याण मंत्री ? जानना हम सभी भारतीयों के लिए प्रेरणादायक है...🌹 


पराक्रम #rifleman #गढ़वाल राइफल्स #प्रेरणादायक #the rifleman

प्रस्तावना :- भारत की धरती हमेशा से वीरों की धरती रही है। उत्तराखंड जैसे पर्वतीय राज्य ने हमेशा ही देश को असंख्य सैनिक और सेनानी दिए हैं। इन्हीं में से एक नाम है गढ़वाल राइफल्स के राइफलमैन गणेश जोशी जी का, जिन्होंने गढ़वाल राइफल्स में एक जवान के रूप में सेवा दी और बाद में राजनीति के क्षेत्र में उतरकर उत्तराखंड के एक लोकप्रिय नेता और मंत्री बने। उनका जीवन इस बात का प्रमाण है कि सच्ची लगन और निस्वार्थ सेवा से इंसान किसी भी मुकाम को हासिल कर सकता है। जोशी देहरादून जिले के मसूरी निर्वाचन क्षेत्र से  उत्तराखंड विधानसभा के पाँचवी बार सदस्य हैं


गढ़वाल राइफल्स के राइफलमैन गणेश जोशी का प्रारंभिक जीवन और सेना में भर्ती  

Rifleman गणेश जोशी का जन्म 1 फरवरी 1960 को उत्तराखंड के डोईवाला, देहरादून में हुआ। बचपन से ही उनमें देश सेवा का जज़्बा था। सेना परिवार से प्रेरणा लेकर उन्होंने गढ़वाल राइफल्स में भर्ती होने का निश्चय किया।

  • उन्होंने 1976 से 1983 तक भारतीय सेना में राइफलमैन के पद पर शामिल हुए।  

  • गढ़वाल राइफल्स जैसी शौर्य और वीरता से भरी रेजिमेंट का हिस्सा होना अपने आप में गौरव की बात है।

  • सेना के दौरान उन्होंने अनुशासन, पराक्रम और त्याग को अपनी जीवनशैली का हिस्सा बना लिया।


Bhartiya thal sena में गढ़वाल राइफल्स का योगदान  

गढ़वाल राइफल्स भारतीय सेना की एक ऐतिहासिक रेजिमेंट है, जिसने हर युद्ध में अपनी बहादुरी एवं पराक्रम से देश का मान बढ़ाया। गणेश जोशी का इस रेजिमेंट से जुड़ना उनके व्यक्तित्व को और मजबूत बनाता है।

    🚺 यहां उन्होंने सीमाओं पर ड्यूटी निभाई।

    🚺 दुर्गम परिस्थितियों में भी सेवा करते हुए उन्होंने सैनिक जीवन की कठिनाइयों को नज़दीक से जिया।

    🚺 इसी जीवन ने उन्हें आगे चलकर जनता के बीच एक सशक्त और अनुशासित नेता बनने की प्रेरणा दी।


Rifleman Ganesh Joshi का सेना से राजनीति तक का सफ़र  

सैनिक जीवन के बाद गणेश जोशी ने राजनीति में कदम रखा। सेना से मिला अनुभव, अनुशासन और देशभक्ति की भावना उनके लिए राजनीति में सबसे बड़ा हथियार साबित हुई। यह सभी के लिए प्रेरणादायक है।

  • वे भारतीय जनता पार्टी (BJP) से जुड़े।

  • जनता के बीच bhartiya thal sena के एक जवान की छवि एक सच्चे सैनिक नेता की बनी।

  • उनका लक्ष्य था – सैनिकों, किसानों और आम जनता की आवाज़ उठाना


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Rifleman Ganesh Joshi 
देहरादून की मसूरी सीट से विधायक :  

गणेश जोशी ने अपनी राजनीतिक पारी देहरादून की मसूरी सीट से शुरू की।

    👉 पहली बार उन्होंने जनता का भरोसा जीता और विधायक बने।

    👉 लगातार कई बार इस सीट से विजयी होकर उन्होंने यह साबित किया कि जनता उन्हें ईमानदार और समर्पित नेता मानती है।

    👉 उनकी कार्यशैली सैनिक जीवन जैसी ही रही – अनुशासन, समय पर काम और जनता से सीधा संवाद


गढ़वाल राइफल्स के राइफलमैन गणेश जोशी का मंत्री पद तक का सफ़र : 


सिर्फ विधायक ही नहीं, गणेश जोशी को उत्तराखंड सरकार में मंत्री बनने का भी अवसर मिला।

  • वर्तमान में वे उत्तराखंड सरकार में सैनिक कल्याण मंत्री के रूप में कार्यरत हैं।

  • उन्होंने किसानों के हित में कई योजनाओं को आगे बढ़ाया।

  • राज्य में कृषि को आत्मनिर्भर बनाने और किसानों की आमदनी बढ़ाने की दिशा में उनकी नीतियों की सराहना होती है।


प्रेरणादायक राजनीतिक पृष्ठभूमि  : 

🚺 1984 में भारतीय जनता पार्टी के सदस्य के रूप में शामिल हुए और नीचे दिए गए विभिन्न पदों पर कार्य किया।
🚺 सचिव, भारतीय जनता युवा मोर्चा, देहरादून शहर (1985-89)
🚺 उपाध्यक्ष, भारतीय जनता युवा मोर्चा, देहरादून शहर (1989-92)
🚺 अध्यक्ष, भारतीय जनता युवा मोर्चा, देहरादून शहर (1994-96)
🚺 मंडलप्रभारी, भारतीय जनता युवा मोर्चा, गढ़वाल मंडल (1996-98)
🚺 भाजपा सचिव, देहरादून शहर (1998-2000)
🚺 जिला महासचिव, भाजपा, देहरादून महानगर (2000-2002)
🚺 प्रदेश महासचिव, स्थानीय निकाय प्रकोष्ठ, उत्तरांचल
🚺 2007 में राजपुर निर्वाचन क्षेत्र से विधायक चुने गए
🚺 2009 में उत्तराखंड विधान सभा की आवास समिति के अध्यक्ष मनोनीत
🚺 2012 में मसूरी निर्वाचन क्षेत्र से विधायक चुने गए
🚺 2017 में मसूरी निर्वाचन क्षेत्र से विधायक चुने गए
🚺 2022 में मसूरी निर्वाचन क्षेत्र से विधायक चुने गए

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Rifleman Ganesh Joshi की चुनौतियाँ और संघर्ष : 


गणेश जोशी जी का जीवन आसान नहीं रहा।

  • सैनिक जीवन में सीमाओं पर कठिनाई झेलनी पड़ी।

  • राजनीति में उन्हें कई बार आलोचना और विवादों का भी सामना करना पड़ा।

  • लेकिन उनकी ईमानदारी और साफ़ छवि ने हमेशा उन्हें मजबूत बनाए रखा।


गढ़वाल राइफल्स के राइफलमैन गणेश जोशी की  समाजसेवा और योगदान : 

मंत्री रहते हुए भी वे सैनिकों और पूर्व सैनिकों के मुद्दों को प्राथमिकता देते हैं।

    👉 वे पूर्व सैनिकों की पेंशन, सम्मान और कल्याण योजनाओं पर विशेष ध्यान देते हैं।

    👉 किसानों, युवाओं और महिलाओं के लिए भी उन्होंने कई कार्यक्रम शुरू किए।

    👉 उनका उद्देश्य केवल राजनीति करना नहीं बल्कि जनसेवा करना है।



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राजनीतिक गतिविधियाँ : 


    📌 1991 में राम जन्म भूमि आंदोलन के दौरान पुलिस लाठीचार्ज में घायल हुए और गिरफ्तार हुए ।

    📌 उत्तराखंड आंदोलन के दौरान 3 अक्टूबर 1994 को डीआईजी कैम्पस, देहरादून में आंदोलन में घायल हुए।

    📌 16 दिसम्बर 1994 को पुलिस नियंत्रण कक्ष में घायल होकर गिरफ्तार कर लिया गया और 27 दिनों के लिए बरेली सेंट्रल जेल भेज दिया गया।

    📌 इसके अलावा कई अन्य आंदोलन और रैलियों में भी सक्रिय रूप से भाग लिया।

    📌 15 फरवरी 2017 को भाजपा पर आरोप लगाया कि उसने जोशी को 2017 के विधानसभा चुनाव में भाग लेने की अनुमति दी थी। उन्होंने मार्च 2016 में एक विरोध प्रदर्शन के दौरान पुलिस के घोड़े शक्तिमान को कथित तौर पर पीटा और लात मारी थी , जिससे उसके पैर में चोट आई थी और अंततः एक महीने बाद उसकी मृत्यु हो गई थी।

गढ़वाल राइफल्स के गणेश जोशी जी क्यों हैं खास ? 


    🚺 सैनिक पृष्ठभूमि से आने के कारण वे जनता के दुःख–दर्द को गहराई से समझते हैं।
    🚺 राजनीति में भी उनका अंदाज़ सरल और जमीनी है।
    🚺 जनता उन्हें एक सैनिक नेता और जनसेवक दोनों रूपों में देखती है।

निष्कर्ष :- गढ़वाल राइफल के राइफलमैन गणेश जोशी का जीवन हम सभी के लिए प्रेरणा है।

    📌 उन्होंने यह साबित किया कि एक सैनिक चाहे तो मैदान बदलने के बाद भी देश सेवा कर सकता है
    📌 सेना में रहते हुए उन्होंने देश की सीमाओं की रक्षा की और राजनीति में आकर जनता की सेवा।
    📌 जवान से लेकर मंत्री बनने तक का उनका सफ़र न केवल उत्तराखंड बल्कि पूरे देश के लिए गर्व की बात है।

"एक जवान से मंत्री तक की यह यात्रा हमें यह सिखाती है कि सच्चे कर्म और सेवा की भावना से ही जीवन का वास्तविक उद्देश्य पूरा होता है।" 


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सोमवार, 22 सितंबर 2025

Ex Army Job vacancy #सभी पूर्व सैनिकों के लिए जॉब के सुनहरे अवसर #AWPO vacancy #awpo job 2025

Army Welfare Placement Organisation ने राष्ट्रीय स्तर पर सभी Ex servicemen - Ex Army Job (Officers, JCOs and NCOs) के लिए AWPO vacancy जारी किये...🌹 


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AWPO vacancy Job Location :-

1. गुजरात 

2. महाराष्ट्र 

3. बंगलौर 

4. नई दिल्ली 

5. हिन्जवादी पुणे 

6. पलवल 

7. PAN इंडिया 


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✅आठवें वेतन आयोग के अनुसार कितनी होगी आपकी पेंशन...👇

8. अवादी चेन्नई 

9. फुलेरा जयपुर  

10. तेलंगाना  

11. अहमदाबाद 

12. राजकोट 

13. मध्य प्रदेश 

14. तमिलनाडु ...आदि।


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✅सैनिकों एवं पूर्व सैनिकों की सहायता हेतू हेल्पलाइन जारी.....🌹


AWPO vacancy Job Posts :- 

1. Security guard vacancy 

2. Security Officer Vacancy 

3. Driver Electric Bus 

4. Gunman Job 

5. Railway gateman job 

6. PSO Job 

✅विकलांग पूर्व सैनिकों एवं उनके आश्रितों के लिए आर्थिक सहायता...🌹


7. Trailer driver vacancy 

8. Operator Aviation 
 
9. Field officer jobs
 
10.  Plant Security Head 

11.  Manager vacancy 

12.  Project administrator 

13. General manager vacancy  

14. Cyber Security Head 

15. Business development manager jobs   


✅05 मिनट में आज ही अपने मोबाईल से लाईफ सर्टिफिकेट जमा करें...🌹

 
📌कृपया आप जॉब के संदर्भ में ज्यादा जानकारी हासिल करने के लिए नीचे👇दिए गए नंबरों पर कॉल भी कर सकते हैं। ताकि आप उपरोक्त रिक्तियों को ज्वॉइन करने से पहले इनके बारे में सही जानकारी प्राप्त कर लें। 

1.  AWPO Chennai - 044 29550431

2.  AWPO Securnderabad - 040 27992512/23

3.  AWPO Pune - 020 26334419 / 20 

4.  AWPO Kolkata - 033 22230252 

5.  AWPO Bhopal - 7649831800 

6.  AWPO Delhi - 011 20895663 

7.  AWPO Jalandhar - 0181 2263313

8.  AWPO Bangalore - 080 25580759

9.  HQ AWPO - 011 25671552


✅ कुमाऊं रेजिमेंट के थल सेना प्रमुख एवं kumaon regiment ranikhet के परमवीर चक्र विजेता...🌺 

✅PMSS scholarship योजना पाने के लिए JCOs एवं ORs यहां 👇से आवेदन करें ...🌹 

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✅ ECHS में 80 साल से ऊपर के आश्रितों को भारी छूट 👇... 🌺 


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Happy Infantry Day 2025 #भारतीय सेना एवं पैदल सेना दिवस का योगदान तथा महत्व और 27 अक्टूबर का इतिहास #Infantry Regiment

जानिए,भारतीय सेना में पैदल सेना   दिवस  27 अक्टूबर का इतिहास  तथा  भारतीय सेना की वीरता और ऐतिहासिक जीत और योगदान ( Happy Infantry Day 2025...