रानीखेत स्थित कुमाऊँ रेजिमेंट म्यूजियम भारतीय सेना की वीरता, युद्ध अवशेष, परमवीर चक्र विजेता की गाथाएँ और शौर्य की धरोहर को प्रदर्शित करता है। जानिए Kumaon regiment centre Ranikhet Museum का इतिहास, समय, टिकट और विशेष आकर्षण...🌹
रानीखेत, उत्तराखंड का एक शांत और खूबसूरत हिल स्टेशन है, लेकिन यह केवल प्राकृतिक सौंदर्य के लिए ही प्रसिद्ध नहीं है। यहाँ स्थित कुमाऊँ रेजिमेंट म्यूजियम भारतीय सेना की Kumaon Regiment Ranikhet के वीरों का अदम्य साहस, इतिहास और शौर्य का प्रतीक है।
इस संग्रहालय का निर्माण 1978 में किया गया था ताकि देश की आने वाली पीढ़ियाँ सैनिकों की वीर गाथाओं को करीब से महसूस कर सकें।
🚺 कुमाऊँ रेजिमेंट म्यूजियम का इतिहास
📌 1948 में रानीखेत को कुमाऊँ रेजिमेंट सेंटर (Kumaon regiment centre) का मुख्यालय बनाया गया।
📌 1974 में परिसर में एक युद्ध स्मारक (War Memorial) स्थापित हुआ, जहाँ हर साल परेड और श्रद्धांजलि समारोह होता है।
📌 1978 में इस म्यूजियम की स्थापना हुई, जिसमें कुमाऊँ रेजिमेंट के बहादुर सैनिकों की यादें, शौर्य चिह्न और युद्ध से जुड़ी धरोहरें प्रदर्शित की गईं।
🚺Kumaon regiment centre Ranikhet म्यूजियम के प्रमुख आकर्षण युद्ध अवशेष और हथियार
📌 1962 के चीन युद्ध (China War) में उपयोग हुई राइफलें।
📌 द्वितीय विश्व युद्ध में जापानी वायरलेस सेट।
📌 युद्ध में कब्ज़ा किए गए झंडे और दुश्मन के हथियार।
🚺 परमवीर चक्र विजेता जैसे 🎖️ वीरता के प्रतीक
📌 सैनिकों द्वारा जीते गए परमवीर चक्र, महावीर चक्र और वीर चक्र जैसे पदक।
📌 मेजर सोमनाथ शर्मा (भारत के पहले परमवीर चक्र विजेता) से जुड़ी वस्तुएँ।
🚺 Kumaon regiment centre Ranikhet म्यूजियम में 🏳️ झंडे और दस्तावेज़
📌 दुश्मन से कब्ज़ा किए गए झंडे।
📌 कश्मीर, कारगिल और अन्य अभियानों से जुड़ी दुर्लभ तस्वीरें और दस्तावेज़।
🚺 Kumaon Regiment Ranikhet म्यूजियम में👕 पोशाक और स्मृति चिह्न
📌 सैनिकों की यूनिफॉर्म।
📌 कैप्टन और जनरलों के व्यक्तिगत सामान।
📌 कारगिल युद्ध से जुड़ी स्मृतियाँ।
🚺 Kumaon Regiment Centre की🧵 स्थानीय कला और शॉल बुनाई
📌 म्यूजियम परिसर के नजदीक कुमाऊँ रेजिमेंट विधवा कल्याण संघ (Widows Welfare Association) द्वारा शॉल बुनाई केंद्र भी है।
📌 यहाँ स्थानीय कुमाऊँनी शिल्पकला और हस्तकला को बढ़ावा दिया जाता है।
🚺 कुमाऊँ रेजिमेंट म्यूजियम का स्थान और समय
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स्थान: नर सिंह ग्राउंड के पास, रानीखेत, उत्तराखंड
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दूरी: रानीखेत बस स्टैंड से लगभग 1.5 कि.मी.
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समय: सुबह 9:00 बजे से शाम 5:00 बजे तक
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प्रवेश शुल्क: ₹20 – ₹50 प्रति व्यक्ति (स्रोतों के अनुसार अंतर हो सकता है)
🚺 कुमाऊँ रेजिमेंट म्यूजियम, रानीखेत की यात्रा अनुभव और नियम
📌 म्यूजियम में फोटोग्राफी वर्जित है। मोबाइल और कैमरे प्रवेश द्वार पर जमा कराने पड़ते हैं।
📌 यहाँ आर्मी गाइड मौजूद रहते हैं, जो प्रत्येक प्रदर्शनी के बारे में विस्तार से बताते हैं।
📌 Kumaon Regiment Ranikhet के पहाड़ी मौसम को ध्यान में रखते हुए गर्म कपड़े और आरामदायक जूते साथ लाना जरूरी है।
🚺 कुमाऊँ रेजिमेंट रानीखेत घूमने वालों के लिए खास आकर्षण
📌 यह म्यूजियम भारतीय सेना और इतिहास प्रेमियों के लिए बेहद प्रेरणादायक स्थान है।
📌 कुमाऊँ रेजिमेंट के वीरों की कहानियाँ बच्चों और युवाओं को देशभक्ति की शिक्षा देती हैं।
📌 रानीखेत की यात्रा में यह स्थान अवश्य शामिल करना चाहिए।
🚺 निष्कर्ष :- कुमाऊँ रेजिमेंट म्यूजियम, रानीखेत केवल एक संग्रहालय नहीं, बल्कि यह भारतीय सेना की शौर्य गाथाओं और बलिदानों का ज्वलंत प्रतीक है। यहाँ की हर वस्तु हमें याद दिलाती है कि हमारे सैनिक किस तरह सीमाओं पर डटे रहते हैं ताकि हम चैन की नींद सो सकें।
👉यदि आप उत्तराखंड पर्यटन (Uttarakhand Tourism) या रानीखेत यात्रा की योजना बना रहे हैं, तो इस संग्रहालय का भ्रमण करना न भूलें। यह अनुभव न केवल रोमांचक होगा बल्कि आपके दिल में देशभक्ति का जज़्बा और गहरा करेगा।
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