"सिन्दूर की लाली, फौजी का जोश,
आज दिनांक 07 मई 2025 की सुबह ऑपरेशन सिंदूर -भारत ने पहलगाम हमले का बदला लिया :पाकिस्तान पर 24 मिसाइल दागीं, प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी बोले - ये तो होना ही था।
आखिरकार भारत ने पाकिस्तान के आतंकी संगठनों के खिलाफ जवाबी कार्रवाई कर ही दी। इंडियन एयरफोर्स ने मंगलवार आधी रात 1:05 बजे पाकिस्तान और (पी.ओ.के.) यानी पाक अधिकृत कश्मीर के भीतर एयर स्ट्राइक की।
इस हमले में 9 आतंकी ठिकानों को निशाना बनाया गया है। इसमें 100 से ज्यादा आतंकी मारे गए हैं। भारत की ये जवाबी कार्रवाई पहलगाम हमले के 15 दिन बाद की गई है और इसका नाम दिया है ‘ऑपरेशन सिंदूर’।
बात सिंदूर की थी तो बेटी ने सिखाया दुश्मन को सबक। भारत की वीर शेरनी कर्नल सोफिया कुरैशी बनी ऑपरेशन सिंदूर का चेहरा। ये नाम उन महिलाओं को समर्पित है, जिनके पतियों की पहलगाम में 22 अप्रैल 2025 को आतंकियों ने हत्या कर दी थी।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक कैबिनेट बैठक में पी.एम. मोदी ने ऑपरेशन सिंदूर के लिए तीनों सेनाओं की तारीफ की। ऑपरेशन सिंदूर पर कहा कि ये नया भारत है। पूरा देश हमारी ओर देख रहा था। ये तो होना ही था।
पाकिस्तान के इंटर -सर्विसेज पब्लिक रिलेशंस (ISPR) के डायरेक्टर लेफ्टिनेंट जनरल अहमद शरीफ चौधरी ने कहा - भारत ने 24 मिसाइलें दागी हैं। सूत्रों के हवाले से बताया कि पी.एम. मोदी ऑपरेशन सिंदूर को पूरी रात मॉनिटर करते रहे। सरकार ने एयर स्ट्राइक के 9:30 घंटे बाद जानकारी दी।
सेना ने एयर स्ट्राइक के 9:30 घंटे बाद सुबह 10:30 बजे प्रेस कॉन्फ्रेंस की। इसमें विदेश सचिव विक्रम मिसरी और आर्मी की कर्नल सोफिया कुरैशी और एयरफोर्स से विंग कमांडर व्योमिका सिंह ने ऑपरेशन के बारे में जानकारी दी। सबसे पहले एयर स्ट्राइक का 2 मिनट का वीडियो प्ले किया गया। इसमें आतंकी ठिकानों पर भारतीय सेना की कार्रवाई दिखाई गई।
कर्नल सोफिया कुरैशी और विंग कमांडर व्योमिका सिंह ने बताया कि रात 1:05 बजे और 1:30 बजे के बीच ऑपरेशन हुआ। 25 मिनट में पाकिस्तान और पी.ओ.के. में 9 टारगेट पहचाने गए थे। इन्हें हमने तबाह कर दिया। लॉन्चपैड, ट्रेनिंग सेंटर्स टारगेट किए गए।
आख़िर इन्हीं 9 ठिकानों को क्यों चुना गया.....?
1. बहावलपुर (पाकिस्तान) – जैश का गढ़ :
बहावलपुर पाकिस्तान के पंजाब प्रांत में स्थित है और यह जैश-ए-मोहम्मद (JeM) का हेडक्वार्टर माना जाता है। मसूद अजहर, जो जैश का सरगना है, यहीं पनाह लिए हुए है। यह वही संगठन है जिसने पुलवामा जैसे हमलों की साजिश रची थी। भारत की खुफिया रिपोर्ट्स के अनुसार, यहां से आतंकी हमलों की योजना बनाई जाती है, आतंकियों को फंडिंग दी जाती है और उनका ब्रेनवॉश कर उन्हें भारत भेजा जाता है। इस कारण यह ठिकाना सबसे महत्वपूर्ण लक्ष्य था।
2. मुरिदके (पाकिस्तान) – लश्कर -ए-तैयबा का संचालन केंद्र :
मुरिदके लाहौर के पास स्थित है और इसे लश्कर-ए-तैयबा (LeT) का मुख्यालय माना जाता है। यहीं से 2008 के मुंबई हमलों की रणनीति बनी थी। हाफिज सईद जैसे खूंखार आतंकी का यह बेस पिछले दो दशकों से सक्रिय है। इस ठिकाने पर आतंकियों की ट्रेनिंग, रिक्रूटमेंट और भारत-विरोधी एजेंडा चलाया जाता है। भारत ने इस बार मुरिदके को सीधे निशाने पर लेकर आतंक के नेटवर्क को सीधा संदेश दिया।
3. सियालकोट (पाकिस्तान) - हिजबुल्ला और JeM की जुगलबंदी :
सियालकोट अंतरराष्ट्रीय सीमा के काफी नजदीक है और यहां हिजबुल्ला और जैश-ए-मोहम्मद दोनों के संयुक्त ट्रेनिंग कैम्प मौजूद हैं। यहां से कठुआ, सांबा और जम्मू के इलाकों में घुसपैठ कराने की कोशिशें की जाती रही हैं। इस लोकेशन को टारगेट कर भारत ने उन रूट्स को ब्लॉक करने की कोशिश की है, जिनसे आतंकियों को जम्मू क्षेत्र में भेजा जाता है।
4. एवं 5. सरजाल और महमूना (पाकिस्तान) :
सरजाल, सांबा और कठुआ के बहुत नजदीक है। यह जैश के फील्ड ऑपरेशन के लिए तैयार किए गए आतंकियों को भारत में भेजने का प्रमुख लॉन्चिंग बेस रहा है। वहीं महमूना में हिजबुल्ला का ट्रेनिंग कैंप चलाया जा रहा था। ये दोनों जगहें रणनीतिक दृष्टि से अहम थीं क्योंकि ये सामान्य नागरिक इलाकों के करीब थीं और घुसपैठ आसान हो सकती थी।
6. गुलपुर (PoJK) - आतंकी लॉजिस्टिक्स हब :
गुलपुर LoC के करीब स्थित है और POJK के भीतर सबसे सक्रिय आतंकी ठिकानों में से एक है। यहां पर जैश और लश्कर के कॉमन ऑपरेटिंग बेस हैं जहां हथियार जमा किए जाते हैं, आतंकियों की लॉजिस्टिक्स और मूवमेंट की योजना बनाई जाती है। यह इलाका भारत के पुंछ और राजौरी में आए दिन होने वाली आतंकी घटनाओं से जुड़ा हुआ है।
7. सवाई (PoJK - तंगधार सेक्टर) - कश्मीर घाटी का गेटवे :
तंगधार सेक्टर से सटी सवाई घाटी LoC के बेहद करीब है। यहां आतंकियों को विशेषतः गांदरबल, गुलमर्ग और पहलगाम जैसे पर्यटन स्थलों पर हमला करने के लिए तैयार किया जाता था। हाल में पहलगाम में जो बस पर हमला हुआ, उसकी ट्रेनिंग और लॉजिस्टिक्स इसी ठिकाने से जुड़े हुए थे।
8. बिलाल (PoJK) - घुसपैठ की लॉन्चिंग साइट :
बिलाल गांव में जैश का एक स्थायी लॉन्चपैड सक्रिय था। जहां से प्रशिक्षित आतंकियों को सीमाओं पर भेजा जाता था। यहां टेक्निकल और शारीरिक ट्रेनिंग दी जाती थी और बाद में आतंकियों को घुसपैठ के लिए रवाना किया जाता था। भारत के मुताबिक, यह जगह सर्जिकल स्ट्राइक 2.0 के बाद भी सक्रिय बनी हुई थी।
9. कोटली (PoJK) – लश्कर का सुरक्षित ठिकाना :
कोटली LoC से सिर्फ 15 किलोमीटर दूर है और वहां लश्कर-ए-तैयबा का बड़ा बेस था। यहां लगभग 50 आतंकी मौजूद थे जो राजौरी और पुंछ में बड़े हमले की योजना बना रहे थे। खुफिया एजेंसियों के मुताबिक, ये आतंकी जम्मू-श्रीनगर हाईवे पर फिर से हमला करने की फिराक में थे।
🇮🇳जय हिंद,जय भारत🇮🇳
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