जानें, गढ़वाल राइफल्स के Rifleman Ganesh Joshi कैसे बने सैनिक कल्याण मंत्री ? जानना हम सभी भारतीयों के लिए प्रेरणादायक है...🌹
प्रस्तावना :- भारत की धरती हमेशा से वीरों की धरती रही है। उत्तराखंड जैसे पर्वतीय राज्य ने हमेशा ही देश को असंख्य सैनिक और सेनानी दिए हैं। इन्हीं में से एक नाम है गढ़वाल राइफल्स के राइफलमैन गणेश जोशी जी का, जिन्होंने गढ़वाल राइफल्स में एक जवान के रूप में सेवा दी और बाद में राजनीति के क्षेत्र में उतरकर उत्तराखंड के एक लोकप्रिय नेता और मंत्री बने। उनका जीवन इस बात का प्रमाण है कि सच्ची लगन और निस्वार्थ सेवा से इंसान किसी भी मुकाम को हासिल कर सकता है। जोशी देहरादून जिले के मसूरी निर्वाचन क्षेत्र से उत्तराखंड विधानसभा के पाँचवी बार सदस्य हैं।
Rifleman गणेश जोशी का जन्म 1 फरवरी 1960 को उत्तराखंड के डोईवाला, देहरादून में हुआ। बचपन से ही उनमें देश सेवा का जज़्बा था। सेना परिवार से प्रेरणा लेकर उन्होंने गढ़वाल राइफल्स में भर्ती होने का निश्चय किया।
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उन्होंने 1976 से 1983 तक भारतीय सेना में राइफलमैन के पद पर शामिल हुए।
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गढ़वाल राइफल्स जैसी शौर्य और वीरता से भरी रेजिमेंट का हिस्सा होना अपने आप में गौरव की बात है।
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सेना के दौरान उन्होंने अनुशासन, पराक्रम और त्याग को अपनी जीवनशैली का हिस्सा बना लिया।
Bhartiya thal sena में गढ़वाल राइफल्स का योगदान
गढ़वाल राइफल्स भारतीय सेना की एक ऐतिहासिक रेजिमेंट है, जिसने हर युद्ध में अपनी बहादुरी एवं पराक्रम से देश का मान बढ़ाया। गणेश जोशी का इस रेजिमेंट से जुड़ना उनके व्यक्तित्व को और मजबूत बनाता है।
🚺 यहां उन्होंने सीमाओं पर ड्यूटी निभाई।
🚺 दुर्गम परिस्थितियों में भी सेवा करते हुए उन्होंने सैनिक जीवन की कठिनाइयों को नज़दीक से जिया।
🚺 इसी जीवन ने उन्हें आगे चलकर जनता के बीच एक सशक्त और अनुशासित नेता बनने की प्रेरणा दी।
Rifleman Ganesh Joshi का सेना से राजनीति तक का सफ़र
सैनिक जीवन के बाद गणेश जोशी ने राजनीति में कदम रखा। सेना से मिला अनुभव, अनुशासन और देशभक्ति की भावना उनके लिए राजनीति में सबसे बड़ा हथियार साबित हुई। यह सभी के लिए प्रेरणादायक है।
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वे भारतीय जनता पार्टी (BJP) से जुड़े।
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जनता के बीच bhartiya thal sena के एक जवान की छवि एक सच्चे सैनिक नेता की बनी।
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उनका लक्ष्य था – सैनिकों, किसानों और आम जनता की आवाज़ उठाना।
Rifleman Ganesh Joshi देहरादून की मसूरी सीट से विधायक :
गणेश जोशी ने अपनी राजनीतिक पारी देहरादून की मसूरी सीट से शुरू की।
👉 पहली बार उन्होंने जनता का भरोसा जीता और विधायक बने।
👉 लगातार कई बार इस सीट से विजयी होकर उन्होंने यह साबित किया कि जनता उन्हें ईमानदार और समर्पित नेता मानती है।
👉 उनकी कार्यशैली सैनिक जीवन जैसी ही रही – अनुशासन, समय पर काम और जनता से सीधा संवाद।
गढ़वाल राइफल्स के राइफलमैन गणेश जोशी का मंत्री पद तक का सफ़र :
सिर्फ विधायक ही नहीं, गणेश जोशी को उत्तराखंड सरकार में मंत्री बनने का भी अवसर मिला।
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वर्तमान में वे उत्तराखंड सरकार में सैनिक कल्याण मंत्री के रूप में कार्यरत हैं।
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उन्होंने किसानों के हित में कई योजनाओं को आगे बढ़ाया।
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राज्य में कृषि को आत्मनिर्भर बनाने और किसानों की आमदनी बढ़ाने की दिशा में उनकी नीतियों की सराहना होती है।
Rifleman Ganesh Joshi की चुनौतियाँ और संघर्ष :
गणेश जोशी जी का जीवन आसान नहीं रहा।
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सैनिक जीवन में सीमाओं पर कठिनाई झेलनी पड़ी।
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राजनीति में उन्हें कई बार आलोचना और विवादों का भी सामना करना पड़ा।
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लेकिन उनकी ईमानदारी और साफ़ छवि ने हमेशा उन्हें मजबूत बनाए रखा।
गढ़वाल राइफल्स के राइफलमैन गणेश जोशी की समाजसेवा और योगदान :
मंत्री रहते हुए भी वे सैनिकों और पूर्व सैनिकों के मुद्दों को प्राथमिकता देते हैं।
👉 वे पूर्व सैनिकों की पेंशन, सम्मान और कल्याण योजनाओं पर विशेष ध्यान देते हैं।
👉 किसानों, युवाओं और महिलाओं के लिए भी उन्होंने कई कार्यक्रम शुरू किए।
👉 उनका उद्देश्य केवल राजनीति करना नहीं बल्कि जनसेवा करना है।
राजनीतिक गतिविधियाँ :
गढ़वाल राइफल्स के गणेश जोशी जी क्यों हैं खास ?
निष्कर्ष :- गढ़वाल राइफल के राइफलमैन गणेश जोशी का जीवन हम सभी के लिए प्रेरणा है।
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