मंगलवार, 23 सितंबर 2025

गढ़वाल राइफल्स के राइफलमैन गणेश जोशी : एक सैनिक से मंत्री तक का प्रेरणादायक सफ़र #Uttarakhand Soldier Welfare Minister Rifleman Ganesh Joshi

जानें, गढ़वाल राइफल्स के Rifleman Ganesh Joshi कैसे बने सैनिक कल्याण मंत्री ? जानना हम सभी भारतीयों के लिए प्रेरणादायक है...🌹 


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प्रस्तावना :- भारत की धरती हमेशा से वीरों की धरती रही है। उत्तराखंड जैसे पर्वतीय राज्य ने हमेशा ही देश को असंख्य सैनिक और सेनानी दिए हैं। इन्हीं में से एक नाम है गढ़वाल राइफल्स के राइफलमैन गणेश जोशी जी का, जिन्होंने गढ़वाल राइफल्स में एक जवान के रूप में सेवा दी और बाद में राजनीति के क्षेत्र में उतरकर उत्तराखंड के एक लोकप्रिय नेता और मंत्री बने। उनका जीवन इस बात का प्रमाण है कि सच्ची लगन और निस्वार्थ सेवा से इंसान किसी भी मुकाम को हासिल कर सकता है। जोशी देहरादून जिले के मसूरी निर्वाचन क्षेत्र से  उत्तराखंड विधानसभा के पाँचवी बार सदस्य हैं


गढ़वाल राइफल्स के राइफलमैन गणेश जोशी का प्रारंभिक जीवन और सेना में भर्ती  

Rifleman गणेश जोशी का जन्म 1 फरवरी 1960 को उत्तराखंड के डोईवाला, देहरादून में हुआ। बचपन से ही उनमें देश सेवा का जज़्बा था। सेना परिवार से प्रेरणा लेकर उन्होंने गढ़वाल राइफल्स में भर्ती होने का निश्चय किया।

  • उन्होंने 1976 से 1983 तक भारतीय सेना में राइफलमैन के पद पर शामिल हुए।  

  • गढ़वाल राइफल्स जैसी शौर्य और वीरता से भरी रेजिमेंट का हिस्सा होना अपने आप में गौरव की बात है।

  • सेना के दौरान उन्होंने अनुशासन, पराक्रम और त्याग को अपनी जीवनशैली का हिस्सा बना लिया।


Bhartiya thal sena में गढ़वाल राइफल्स का योगदान  

गढ़वाल राइफल्स भारतीय सेना की एक ऐतिहासिक रेजिमेंट है, जिसने हर युद्ध में अपनी बहादुरी एवं पराक्रम से देश का मान बढ़ाया। गणेश जोशी का इस रेजिमेंट से जुड़ना उनके व्यक्तित्व को और मजबूत बनाता है।

    🚺 यहां उन्होंने सीमाओं पर ड्यूटी निभाई।

    🚺 दुर्गम परिस्थितियों में भी सेवा करते हुए उन्होंने सैनिक जीवन की कठिनाइयों को नज़दीक से जिया।

    🚺 इसी जीवन ने उन्हें आगे चलकर जनता के बीच एक सशक्त और अनुशासित नेता बनने की प्रेरणा दी।


Rifleman Ganesh Joshi का सेना से राजनीति तक का सफ़र  

सैनिक जीवन के बाद गणेश जोशी ने राजनीति में कदम रखा। सेना से मिला अनुभव, अनुशासन और देशभक्ति की भावना उनके लिए राजनीति में सबसे बड़ा हथियार साबित हुई। यह सभी के लिए प्रेरणादायक है।

  • वे भारतीय जनता पार्टी (BJP) से जुड़े।

  • जनता के बीच bhartiya thal sena के एक जवान की छवि एक सच्चे सैनिक नेता की बनी।

  • उनका लक्ष्य था – सैनिकों, किसानों और आम जनता की आवाज़ उठाना


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Rifleman Ganesh Joshi 
देहरादून की मसूरी सीट से विधायक :  

गणेश जोशी ने अपनी राजनीतिक पारी देहरादून की मसूरी सीट से शुरू की।

    👉 पहली बार उन्होंने जनता का भरोसा जीता और विधायक बने।

    👉 लगातार कई बार इस सीट से विजयी होकर उन्होंने यह साबित किया कि जनता उन्हें ईमानदार और समर्पित नेता मानती है।

    👉 उनकी कार्यशैली सैनिक जीवन जैसी ही रही – अनुशासन, समय पर काम और जनता से सीधा संवाद


गढ़वाल राइफल्स के राइफलमैन गणेश जोशी का मंत्री पद तक का सफ़र : 


सिर्फ विधायक ही नहीं, गणेश जोशी को उत्तराखंड सरकार में मंत्री बनने का भी अवसर मिला।

  • वर्तमान में वे उत्तराखंड सरकार में सैनिक कल्याण मंत्री के रूप में कार्यरत हैं।

  • उन्होंने किसानों के हित में कई योजनाओं को आगे बढ़ाया।

  • राज्य में कृषि को आत्मनिर्भर बनाने और किसानों की आमदनी बढ़ाने की दिशा में उनकी नीतियों की सराहना होती है।


प्रेरणादायक राजनीतिक पृष्ठभूमि  : 

🚺 1984 में भारतीय जनता पार्टी के सदस्य के रूप में शामिल हुए और नीचे दिए गए विभिन्न पदों पर कार्य किया।
🚺 सचिव, भारतीय जनता युवा मोर्चा, देहरादून शहर (1985-89)
🚺 उपाध्यक्ष, भारतीय जनता युवा मोर्चा, देहरादून शहर (1989-92)
🚺 अध्यक्ष, भारतीय जनता युवा मोर्चा, देहरादून शहर (1994-96)
🚺 मंडलप्रभारी, भारतीय जनता युवा मोर्चा, गढ़वाल मंडल (1996-98)
🚺 भाजपा सचिव, देहरादून शहर (1998-2000)
🚺 जिला महासचिव, भाजपा, देहरादून महानगर (2000-2002)
🚺 प्रदेश महासचिव, स्थानीय निकाय प्रकोष्ठ, उत्तरांचल
🚺 2007 में राजपुर निर्वाचन क्षेत्र से विधायक चुने गए
🚺 2009 में उत्तराखंड विधान सभा की आवास समिति के अध्यक्ष मनोनीत
🚺 2012 में मसूरी निर्वाचन क्षेत्र से विधायक चुने गए
🚺 2017 में मसूरी निर्वाचन क्षेत्र से विधायक चुने गए
🚺 2022 में मसूरी निर्वाचन क्षेत्र से विधायक चुने गए

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Rifleman Ganesh Joshi की चुनौतियाँ और संघर्ष : 


गणेश जोशी जी का जीवन आसान नहीं रहा।

  • सैनिक जीवन में सीमाओं पर कठिनाई झेलनी पड़ी।

  • राजनीति में उन्हें कई बार आलोचना और विवादों का भी सामना करना पड़ा।

  • लेकिन उनकी ईमानदारी और साफ़ छवि ने हमेशा उन्हें मजबूत बनाए रखा।


गढ़वाल राइफल्स के राइफलमैन गणेश जोशी की  समाजसेवा और योगदान : 

मंत्री रहते हुए भी वे सैनिकों और पूर्व सैनिकों के मुद्दों को प्राथमिकता देते हैं।

    👉 वे पूर्व सैनिकों की पेंशन, सम्मान और कल्याण योजनाओं पर विशेष ध्यान देते हैं।

    👉 किसानों, युवाओं और महिलाओं के लिए भी उन्होंने कई कार्यक्रम शुरू किए।

    👉 उनका उद्देश्य केवल राजनीति करना नहीं बल्कि जनसेवा करना है।



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राजनीतिक गतिविधियाँ : 


    📌 1991 में राम जन्म भूमि आंदोलन के दौरान पुलिस लाठीचार्ज में घायल हुए और गिरफ्तार हुए ।

    📌 उत्तराखंड आंदोलन के दौरान 3 अक्टूबर 1994 को डीआईजी कैम्पस, देहरादून में आंदोलन में घायल हुए।

    📌 16 दिसम्बर 1994 को पुलिस नियंत्रण कक्ष में घायल होकर गिरफ्तार कर लिया गया और 27 दिनों के लिए बरेली सेंट्रल जेल भेज दिया गया।

    📌 इसके अलावा कई अन्य आंदोलन और रैलियों में भी सक्रिय रूप से भाग लिया।

    📌 15 फरवरी 2017 को भाजपा पर आरोप लगाया कि उसने जोशी को 2017 के विधानसभा चुनाव में भाग लेने की अनुमति दी थी। उन्होंने मार्च 2016 में एक विरोध प्रदर्शन के दौरान पुलिस के घोड़े शक्तिमान को कथित तौर पर पीटा और लात मारी थी , जिससे उसके पैर में चोट आई थी और अंततः एक महीने बाद उसकी मृत्यु हो गई थी।

गढ़वाल राइफल्स के गणेश जोशी जी क्यों हैं खास ? 


    🚺 सैनिक पृष्ठभूमि से आने के कारण वे जनता के दुःख–दर्द को गहराई से समझते हैं।
    🚺 राजनीति में भी उनका अंदाज़ सरल और जमीनी है।
    🚺 जनता उन्हें एक सैनिक नेता और जनसेवक दोनों रूपों में देखती है।

निष्कर्ष :- गढ़वाल राइफल के राइफलमैन गणेश जोशी का जीवन हम सभी के लिए प्रेरणा है।

    📌 उन्होंने यह साबित किया कि एक सैनिक चाहे तो मैदान बदलने के बाद भी देश सेवा कर सकता है
    📌 सेना में रहते हुए उन्होंने देश की सीमाओं की रक्षा की और राजनीति में आकर जनता की सेवा।
    📌 जवान से लेकर मंत्री बनने तक का उनका सफ़र न केवल उत्तराखंड बल्कि पूरे देश के लिए गर्व की बात है।

"एक जवान से मंत्री तक की यह यात्रा हमें यह सिखाती है कि सच्चे कर्म और सेवा की भावना से ही जीवन का वास्तविक उद्देश्य पूरा होता है।" 


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