मंगलवार, 9 सितंबर 2025

उत्तराखंड : वीरभूमि की शौर्य गाथा – कुमाऊँ रेजिमेंट (Kumaon Regiment Centre) और गढ़वाल राइफल्स (Garhwal Rifles) #भारतीय सेना के परमवीर चक्र विजेता

उत्तराखंड की वीरभूमि में भारतीय सेना के  कुमाऊँ रेजिमेंट (Kumaon Regiment Centre)और गढ़वाल राइफल्स  (Garhwal Rifles) की शौर्य गाथा और परमवीर चक्र विजेता कि कहानी...🌹 


Kumaon Regiment Centre #गढ़वाल राइफल्स #परमवीर चक्र विजेता मेजर सोमनाथ शर्मा #Garhwal Rifles
(उत्तराखण्ड के प्राकृतिक सौंदर्य की एक झलक)

परिचय :- भारत का देवभूमि कहलाने वाला उत्तराखंड केवल अपनी प्राकृतिक सुंदरता और धार्मिक महत्व के लिए ही प्रसिद्ध नहीं है, बल्कि यह वीर सपूतों की जन्मभूमि भी है। इस राज्य ने भारतीय सेना को ऐसे जांबाज सिपाही और अधिकारी दिए हैं, जिन्होंने देश की रक्षा में अपनी वीरता और पराक्रम से अमिट छाप छोड़ी है। उत्तराखंड की धरती से दो प्रमुख रेजिमेंट भारतीय सेना की शान बढ़ाती हैं :– कुमाऊँ रेजिमेंट (Kumaon Regiment Centre) और गढ़वाल राइफल्स (Garhwal Rifles)। ये दोनों रेजिमेंट्स भारतीय सैन्य इतिहास में स्वर्णिम अक्षरों में अंकित हैं।

🚺 उत्तराखंड : वीरों की धरती  

उत्तराखंड का इतिहास गौरवशाली और वीरता से परिपूर्ण है। यहाँ की पहाड़ियों ने हमेशा से कठोर परिश्रम, अनुशासन और शौर्य की भावना पैदा की है। यही कारण है कि इस क्षेत्र से बड़ी संख्या में युवा सेना में भर्ती होते हैं।

लोककथाओं और इतिहास में यहाँ के सैनिकों के साहसिक किस्से मिलते हैं। चाहे 1947 का भारत पाकिस्तान युद्ध हो, 1962 का भारत-चीन युद्ध हो, 1965 और 1971 का भारत-पाक युद्ध या फिर 1999 का कारगिल युद्ध, उत्तराखंड के जवानों ने हमेशा अपने शौर्य का परचम लहराया।

🚺 कुमाऊँ रेजिमेंट (Kumaon Regiment Centre Ranikhet) : वीरों के शौर्य की अमर गाथा  

कुमाऊँ रेजिमेंट भारतीय सेना की सबसे पुरानी और गौरवशाली रेजिमेंट्स में से एक है।

🚺 स्थापना और इतिहास  

कुमाऊँ रेजिमेंट का इतिहास 18वीं शताब्दी से जुड़ा है। इसकी जड़ें ब्रिटिश काल के "Naini Tal Volunteer Rifles" से मिलती हैं। समय के साथ यह विकसित होकर भारतीय सेना की सबसे प्रतिष्ठित रेजिमेंट बन गई।
इसका मुख्यालय उत्तराखंड के अल्मोड़ा जिले के रानीखेत में स्थित है, जिसे कुमाऊँ रेजिमेंट सेंटर (Kumaon Regiment Centre) कहा जाता है।

🚺 वीरता और योगदान  

    
    📌 मेजर सोमनाथ शर्मा  (प्रथम परमवीर चक्र विजेता) : 1947-48 के युद्ध में बडगाम (कश्मीर) की लड़ाई में वीरता दिखाकर परमवीर चक्र से सम्मानित होने वाले पहले सैनिक।
       मेजर सोमनाथ शर्मा (प्रथम परमवीर चक्र विजेता) (31 जनवरी, 1923 - 03 नवम्बर 1947) भारतीय सेना की कुमाऊँ रेजिमेंट की चौथी बटालियन की डेल्टा कंपनी के कंपनी-कमाण्डर थे जिन्होने अक्टूबर-नवम्बर, 1947 के भारत-पाक संघर्ष में हिस्सा लिया था। उन्हें भारत सरकार ने मरणोपरान्त परमवीर चक्र से सम्मानित किया। परमवीर चक्र पाने वाले वे प्रथम व्यक्ति हैं।

    1942 में मेजर सोमनाथ शर्मा जी की नियुक्ति उन्नीसवीं हैदराबाद रेजिमेन्ट की आठवीं बटालियन में हुई। उन्होंने बर्मा में द्वितीय विश्वयुद्ध के दौरान अराकन अभियान में अपनी सेवाएँ दी जिसके कारण उन्हें मेन्शंड इन डिस्पैचैस में स्थान मिला। बाद में उन्होंने 1947 के भारत-पाक युद्ध में भी लड़े और 03 नवम्बर 1947 को श्रीनगर विमानक्षेत्र से पाकिस्तानी घुसपैठियों को बेदख़ल करते समय वीरगति को प्राप्त हो गये। उनके युद्ध क्षेत्र में इस साहस के कारण मरणोपरान्त परम वीर चक्र मिला।


    📌 परमवीर चक्र विजेता, मेजर शैतान सिंह भाटी :- (जन्म 1 दिसम्बर 1924 तथा मृत्यु 18 नवम्बर 1962) भारतीय सेना के एक अधिकारी थे। इन्हें वर्ष 1963 में मरणोपरांत परमवीर चक्र का सम्मान दिया गया। इनका निधन 1962 के भारत-चीन युद्ध में हुआ था, इन्होंने अपने वतन के लिए काफी संघर्ष किया लेकिन अंत में शहीद हो गये तथा भारत देश का नाम रौशन कर गये। मेजर सिंह स्नातक स्तर की पढ़ाई पूरी करने पर सिंह जोधपुर राज्य बलों में शामिल हुए। जोधपुर की रियासत का भारत में विलय हो जाने के बाद उन्हें Kumaon Regiment Centre में स्थानांतरित कर दिया गया। उन्होंने नागा हिल्स ऑपरेशन तथा 1961 में गोवा के भारत में विलय में हिस्सा लिया था।

    1962 में भारत-चीन युद्ध के दौरान, कुमाऊं रेजिमेंट की 13वीं बटालियन को चुशूल सेक्टर में तैनात किया गया था। सिंह की कमान के तहत सी कंपनी रेज़ांग ला में एक पोस्ट पर थी। 18 नवंबर 1962 की सुबह चीनी सेना ने हमला कर दिया। सामने से कई असफल हमलों के बाद चीनी सेना ने पीछे से हमला कर किया। भारतीयों ने आखिरी दौर तक लड़ा परन्तु अंततः चीनी हावी हो गए। युद्ध के दौरान सिंह लगातार पोस्टों के बीच सामंजस्य तथा पुनर्गठन बना कर लगातार जवानों का हौसला बढ़ाते रहे। चूँकि वह एक पोस्ट से दूसरी पोस्ट पर बिना किसी सुरक्षा के जा रहे थे अतः वह गंभीर रूप से घायल हो गए और वीर गति को प्राप्त हो गए। उनके इन वीरता भरे देश प्रेम को सम्मान देते हुए भारत सरकार ने वर्ष 1963 में उन्हें परमवीर चक्र से सम्मानित किया।

    📌 कुमाऊँ स्काउट्स :– जिन्हें "स्नो वॉरियर्स" कहा जाता है, हिमालयी क्षेत्रों में देश की सीमाओं की रक्षा करते हैं।

कुमाऊँ रेजिमेंट के सैनिक अपनी बहादुरी, अनुशासन और अडिग साहस के लिए पूरी दुनिया में जाने जाते हैं।


रेजिमेंटल सेंटर

रानीखेत, उत्तराखण्ड
अन्य नामCreed Of The Man Eaters

आदर्श वाक्य

Parakramo Vijayate (Valour Triumphs)

War Cry

Kalika Mata Ki Jai (Victory to the Great Goddess Kali)

मार्च (सीमा रक्षा)Bedu Pako Baro Masa
  


Kumaon Regiment Centre #गढ़वाल राइफल्स #परमवीर चक्र विजेता मेजर सोमनाथ शर्मा #Garhwal Rifles
(उत्तराखण्ड की भौगोलिक स्थिति) 


🚺 गढ़वाल राइफल्स : पराक्रम की मिसाल  

गढ़वाल राइफल्स भारतीय सेना की एक और गौरवशाली रेजिमेंट है, जिसका मुख्यालय उत्तराखंड के लैंसडाउन में स्थित है।

🚺 स्थापना और इतिहास 

गढ़वाल राइफल्स की स्थापना 1887 में हुई थी। प्रारंभ में इसे "गढ़वाल रेजिमेंट" कहा जाता था। ब्रिटिश काल में भी इस रेजिमेंट के जवानों ने अपनी वीरता से पहचान बनाई।

🚺 विक्टोरिया क्रॉस (VC) :-

विक्टोरिया क्रॉस (VC) ब्रिटिश सम्मान प्रणाली का सबसे सर्वोच्च और प्रतिष्ठित सम्मान है। यह ब्रिटिश सशस्त्र बलों के सदस्यों को "दुश्मन की उपस्थिति में" बहादुरी के लिए दिया जाता है और इसे मरणोपरांत भी दिया जा सकता है। यह पहले ब्रिटिश साम्राज्य (बाद में राष्ट्रमंडल) के सैनिकों को भी दिया जाता था, लेकिन अब अधिकांश स्वतंत्र राष्ट्रों ने अपनी खुद की सम्मान प्रणाली स्थापित कर ली है और वे ब्रिटिश सम्मानों की सिफारिश नहीं करते हैं। यह किसी भी रैंक के सैनिक और सैन्य कमांड के तहत काम करने वाले नागरिक को भी दिया जा सकता है। 1879 में जेम्स एडम्स के बाद से किसी भी नागरिक को यह पुरस्कार नहीं मिला है। 1857 में महारानी विक्टोरिया द्वारा पहले पुरस्कार दिए जाने के बाद से, सभी पुरस्कारों में से दो-तिहाई पुरस्कार ब्रिटिश सम्राट द्वारा व्यक्तिगत रूप से प्रदान किए गए हैं। यह सम्मान समारोह आमतौर पर बकिंघम पैलेस में आयोजित होता है।

विक्टोरिया क्रॉस की शुरुआत 29 जनवरी 1856 को महारानी विक्टोरिया ने क्रीमियन युद्ध के दौरान वीरता के कार्यों का सम्मान करने के लिए की थी। तब से, यह पदक 1,355 लोगों को 1,358 बार दिया गया है। द्वितीय विश्व युद्ध के बाद से केवल 15 पदक दिए गए हैं, जिनमें से 11 ब्रिटिश सेना के सदस्यों को और 4 ऑस्ट्रेलियाई सेना के सदस्यों को दिए गए हैं।

🚺 गढ़वाल राइफल्स  के प्रमुख योगदान 


    📍 प्रथम विश्व युद्ध और द्वितीय विश्व युद्ध में गढ़वाल राइफल्स ने शौर्य का प्रदर्शन किया।

    📍 नायक दरवान सिंह नेगी, विक्टोरिया क्रॉस (VC) (4 मार्च 1883 - 24 जून 1950) पहले भारतीय सैनिकों में से एक थे, जिन्हें विक्टोरिया क्रॉस (VC) से सम्मानित किया गया था। यह दुश्मनों के सामने बहादुरी के लिए ब्रिटिश और राष्ट्रमंडल (कॉमनवेल्थ) सेनाओं को दिया जाने वाला सर्वोच्च और सबसे प्रतिष्ठित पुरस्कार है।

    📍 राइफलमैन गबर सिंह नेगी, विक्टोरिया क्रॉस (VC) (21 अप्रैल 1895 - 10 मार्च 1915) प्रथम विश्व युद्ध के दौरान ब्रिटिश भारतीय सेना के एक सैनिक थे। उन्हें विक्टोरिया क्रॉस से सम्मानित किया गया था। यह दुश्मनों के सामने बहादुरी के लिए ब्रिटिश और राष्ट्रमंडल सेनाओं को दिया जाने वाला सर्वोच्च और सबसे प्रतिष्ठित पुरस्कार है।

    📍 गढ़वाल राइफल्स के जवान आज भी कठिन से कठिन परिस्थितियों में देश की सीमाओं की रक्षा कर रहे हैं।

Kumaon Regiment Centre #गढ़वाल राइफल्स #परमवीर चक्र विजेता मेजर सोमनाथ शर्मा #Garhwal Rifles
(गढ़वाल राइफल्स के वीर सैनिक)







🚺 आदर्श वाक्य : युद्धाय कृत निश्चय (दृढ़ संकल्प के साथ लड़ो) 

Motto(s)Yudhaya Krit Nishchaya (Fight With Determination)

🚺 युद्धघोष : बद्री विशाल लाल की जय (भगवान बद्रीनाथ के पुत्रों की जय हो) 

War CryBadri Vishal Lal Ki Jai (Victory to the Sons of Lord Badrinath)

🚺 कूच : बढ़े चलो गढ़वालियों  

MarchBadhe Chalo Garhwaliyon

🚺 उत्तराखंड के सैनिकों का योगदान :-

उत्तराखंड को "सैनिकों की धरती" कहा जाता है। यहाँ लगभग हर परिवार से कोई न कोई सदस्य सेना में कार्यरत है।

  • कारगिल युद्ध में उत्तराखंड के 75 से अधिक जवान शहीद हुए।

  • शहीद मेजर सोमनाथ शर्मा, मेजर शैतान सिंह, नायक दरवान सिंह नेगी, राइफलमैन गबर सिंह नेगी आदि जैसे सैनिक पूरे भारत के युवाओं के लिए प्रेरणा हैं।

  • वर्तमान समय में भी उत्तराखंड के हजारों सैनिक भारतीय सेना, अर्धसैनिक बलों और पुलिस में सेवा दे रहे हैं।

🚺 रानीखेत और लैंसडाउन : सैनिक धरोहर 

  • रानीखेत :– यहाँ कुमाऊँ रेजिमेंट सेंटर (Kumaon Regiment Centreस्थित है, जहाँ जवानों को प्रशिक्षण दिया जाता है। साथ ही यहाँ का सैन्य संग्रहालय भारतीय सेना के इतिहास को जीवंत करता है।

  • लैंसडाउन :– गढ़वाल राइफल्स का मुख्यालय यहाँ है। यह स्थान न केवल सैनिकों के प्रशिक्षण के लिए प्रसिद्ध है, बल्कि पर्यटकों के लिए भी आकर्षण का केंद्र है।

🚺 उत्तराखंड और सेना का अटूट रिश्ता :-

उत्तराखंड की पहचान केवल देवभूमि के रूप में ही नहीं, बल्कि वीरभूमि के रूप में भी है। यहाँ के लोग सेना में भर्ती होकर देश की सेवा को गर्व का विषय मानते हैं।

  • हर वर्ष हजारों युवा सेना भर्ती रैलियों में शामिल होते हैं।

  • सेवानिवृत्त सैनिक भी समाज में योगदान देते हैं और युवाओं को प्रेरित करते हैं।

  • उत्तराखंड सरकार भी पूर्व सैनिकों और वीर नारियों के लिए कई कल्याणकारी योजनाएँ चलाती है।


Kumaon Regiment Centre #गढ़वाल राइफल्स #परमवीर चक्र विजेता मेजर सोमनाथ शर्मा #Garhwal Rifles
(देवभूमि उत्तराखण्ड की सुंदरता)


निष्कर्ष :- उत्तराखंड की कुमाऊँ रेजिमेंट (Kumaon Regiment Centre) और गढ़वाल राइफल्स (Garhwal Rifles) भारतीय सेना की रीढ़ की हड्डी हैं। इनके वीर सैनिकों ने युद्ध के मैदान में अपनी शौर्य गाथाएँ लिखी हैं और देश की सुरक्षा को सर्वोपरि रखा है।

आज जब हम उत्तराखंड की चर्चा करते हैं, तो हमें केवल उसकी वादियों, नदियों और मंदिरों तक सीमित नहीं रहना चाहिए। हमें यह भी याद रखना चाहिए कि यह भूमि ऐसे रणबांकुरों की जन्मभूमि है, जिन्होंने अपने खून से देश की मिट्टी को सींचा है।

उत्तराखंड वास्तव में देवभूमि के साथ-साथ वीरभूमि भी है।


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रविवार, 7 सितंबर 2025

RMS admission #राष्ट्रीय मिलिट्री स्कूल प्रवेश 2026 : कक्षा 6 और 9 के लिए महत्वपूर्ण जानकारी #Rashtriya Military Schools in India

यहाँ से जानें,  कक्षा 6 और 9 हेतू  RMS admission और  Rashtriya Military Schools in India के लिए महत्वपूर्ण जानकारी...🌹 



Rashtriya Military Schools in India #RMS admission #RMS Chail #RMS Bengaluru


राष्ट्रीय मिलिट्री स्कूल (RMS) रक्षा मंत्रालय द्वारा चलाए जाने वाले आवासीय पब्लिक स्कूल हैं जो रक्षा कर्मियों और आम नागरिकों के बच्चों को उच्च गुणवत्ता वाली शिक्षा प्रदान करते हैं। इन स्कूलों में प्रवेश एक कड़ी चयन प्रक्रिया के माध्यम से होता है, जिसमें एक सामान्य प्रवेश परीक्षा (CET), साक्षात्कार और मेडिकल फिटनेस टेस्ट शामिल है।

🚺 RMS admission प्रक्रिया और पात्रता 

  • कक्षा 6 के लिए :

    • आयु : 31 मार्च 2026 तक उम्मीदवार की आयु 10 से 12 वर्ष के बीच होनी चाहिए।

    • शैक्षणिक योग्यता : उम्मीदवार कक्षा 5 में पढ़ रहा हो या उसे उत्तीर्ण कर चुका हो।

    • लिंग : लड़के और लड़कियाँ दोनों आवेदन कर सकते हैं।

  • कक्षा 9 के लिए :

    • आयु : 31 मार्च 2026 तक उम्मीदवार की आयु 13 से 15 वर्ष के बीच होनी चाहिए।

    • शैक्षणिक योग्यता : उम्मीदवार कक्षा 8 में पढ़ रहा हो या उसे उत्तीर्ण कर चुका हो।

    • लिंग : इस कक्षा में केवल लड़कों को प्रवेश दिया जाता है।

🚺 Rashtriya Military Schools in India मुख्य बिन्दु :-


📌 Institution : Rashtriya Military Schools (RMS)


📌 Admission : For Class VI and Class IX


📌 Academic Session : 2026-27


📌 सभी Rashtriya Military Schools in India की Locations : RMS Chail (HP), RMS Ajmer (Rajasthan), RMS Belgaum (Karnataka), RMS Bengaluru (Karnataka), and RMS Dholpur (Rajasthan)


📌 Application Dates : Online application forms and payment of application fee will be available from 10th September 2025 (10:00 AM) to 9th October 2025 (8:00 PM)


📌 वेबसाइट लिंक : https://apply-delhi.nielit.gov.in/


📌 Entrance Test : OMR-based Common Entrance Test (CET)

🚺 Rashtriya Military Schools in India परीक्षा पैटर्न और पाठ्यक्रम 

राष्ट्रीय मिलिट्री स्कूल प्रवेश परीक्षा (CET) एक OMR-आधारित परीक्षा है।

  • कक्षा 6 के लिए : परीक्षा में चार खंड होते हैं - गणित, सामान्य ज्ञान, अंग्रेजी और इंटेलिजेंस टेस्ट। अंग्रेजी में केवल उत्तीर्ण होना आवश्यक है, इसके अंक मेरिट लिस्ट में नहीं जोड़े जाते हैं।

  • कक्षा 9 के लिए : परीक्षा दो पेपर में होती है। पेपर 1 में अंग्रेजी, हिंदी और सामाजिक विज्ञान शामिल हैं, जबकि पेपर 2 में गणित और विज्ञान शामिल हैं। परीक्षा का पाठ्यक्रम क्रमशः कक्षा 5 और कक्षा 8 के CBSE सिलेबस पर आधारित होता है।


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कुमाऊँ रेजिमेंटल सेंटर रानीखेत #Somnath Ground Ranikhet #Kumaon Regiment Centre Ranikhet Ex-Servicemen Rally 2025 #Sparsh Online Problem Solve

पूर्व सैनिक रैली (Ex-Servicemen Rally) 2025 : कुमाऊँ रेजिमेंटल सेंटर रानीखेत (Kumaon Regiment Centre Ranikhet) में 28 सितम्बर को होगा भव्य आयोजन में Sparsh Online, रोजगार के अवसर, Free Health Camp आदि की जानकारी भी होगी उपलब्ध ... 


Kumaon Regiment Centre Ranikhet #Somnath Ground Ranikhet #Health check up Camp

भारतीय सेना के गौरवशाली इतिहास में पूर्व सैनिकों (Ex-Servicemen) का योगदान हमेशा याद किया जाता है। राष्ट्र की सेवा कर चुके ये वीर आज भी समाज के लिए प्रेरणा स्रोत बने हुए हैं। इन्हीं पूर्व सैनिकों और वीर नारियों को सम्मान देने के उद्देश्य से कुमाऊँ रेजिमेंटल सेंटर रानीखेत (Kumaon Regiment Centre Ranikhet) में 28 सितम्बर 2025 को पूर्व सैनिक रैली (Ex-Servicemen Rally)आयोजित की जा रही है।

इस रैली का आयोजन Kumaon Regiment Centre के Somnath Ground Ranikhet में होगा, जहाँ बड़ी संख्या में पूर्व सैनिक, वीर नारियाँ तथा उनके आश्रित उपस्थित रहेंगे। इस अवसर पर सेना के वरिष्ठ अधिकारी तथा सेंट्रल कमांड के आर्मी कमान्डर भी प्रतिभाग कर रहे हैं।


🚺 Kumaon Regiment Centre Ranikhet Ex-Servicemen Rally 2025 का महत्व 

पूर्व सैनिक रैली केवल एक समारोह नहीं है, बल्कि यह उन सैनिकों और उनके परिवारों के लिए एक सहायता मंच है, जो सेवा से निवृत्त होने के बाद विभिन्न समस्याओं का सामना करते हैं। इस आयोजन के माध्यम से उन्हें सरकार द्वारा चलाई जा रही कल्याणकारी योजनाओं, पेंशन संबंधी सुविधाओं, ECHS योजना (echs online), Sparsh Portal for Pensioners की जानकारी और अन्य लाभों के बारे में जागरूक किया जाएगा।


🚺 Welfare of ex-servicemen रैली के मुख्य उद्देश्य 

Kumaon Regiment Centre Ranikhet Ex-Servicemen Rally 2025 में कई प्रमुख मुद्दों पर ध्यान दिया जाएगा, जिनमें से कुछ निम्नलिखित हैं :–

(क) पूर्व सैनिकों और वीर नारियों को सुविधाओं की जानकारी 

केंद्र और राज्य सरकारों द्वारा दी जाने वाली पूर्व सैनिक कल्याणकारी योजनाओं की जानकारी सभी को दी जाएगी।

(ख) पेंशन संबंधी समस्याओं का समाधान 

अक्सर पूर्व सैनिकों और वीर नारियों को पेंशन समस्या समाधान में कठिनाइयाँ आती हैं। इस रैली में अधिकारियों द्वारा इन्हें प्राथमिकता से निपटाया जाएगा।

(ग) कल्याणकारी योजनाओं का प्रचार 

कुमाऊँ रेजिमेंटल सेंटर (Kumaon Regiment Centre Ranikhet) द्वारा चलाई जा रही नई योजनाओं की जानकारी दी जाएगी। इसमें शिक्षा, स्वास्थ्य और पुनर्वास संबंधी कार्यक्रम शामिल हैं।

(घ) पुनः रोजगार के अवसर 

कई पूर्व सैनिक अपनी सेवा निवृत्ति के बाद पुनः रोजगार की तलाश करते हैं। इस रैली में उन्हें सैनिक पुनः रोजगार के अवसर (UPNL, सरकारी विभागों, निजी कंपनियों) के बारे में बताया जाएगा।

(ङ) शिकायत निवारण  (Problem solve) 

पूर्व सैनिकों और उनके परिवारों की समस्याओं का तुरंत संज्ञान लेकर ऑन द स्पॉट समाधान किया जाएगा।

(च) मेडिकल कैंप (Health check up Camp) 

सभी उपस्थित पूर्व सैनिकों और आश्रितों के लिए Free Health Camp का आयोजन भी होगा, जिसमें स्वास्थ्य जांच और परामर्श दिया जाएगा।

(छ) ECHS योजना से संबंधित समस्याओं का समाधान  

ECHS (echs online) से जुड़े मुद्दों को हल किया जाएगा। कई बार कार्ड बनवाने, अस्पताल में पंजीकरण या इलाज के दौरान आने वाली दिक्कतों को यहीं सुलझाया जाएगा।

(ज) नई-नई कल्याणकारी योजनाओं की जानकारी 

सरकार समय-समय पर पूर्व सैनिकों के लिए नई योजनाएं लाती रहती है। रैली में इन योजनाओं को विस्तार से बताया जाएगा ताकि हर सैनिक और वीर नारी लाभ उठा सके।

(झ) UPNL रजिस्ट्रेशन जानकारी 

UPNL (उत्तराखंड पूर्व सैनिक कल्याण निगम लिमिटेड) में नाम दर्ज करने की प्रक्रिया और इससे मिलने वाले रोजगार के अवसर की जानकारी दी जाएगी।

(ञ) स्पर्श पोर्टल (Sparsh online) जानकारी 

पेंशन संबंधी सभी काम अब SPARSH Portal पर ऑनलाइन हो रहे हैं। इस रैली में पूर्व सैनिकों को इसके उपयोग और रिकॉर्ड अपडेट की जानकारी दी जाएगी।

🚺 वीर नारियों के लिए विशेष लाभ  

पूर्व सैनिक रैली का एक बड़ा उद्देश्य वीर नारियों को सम्मान और सहयोग प्रदान करना है। वीर नारियाँ अक्सर कई समस्याओं से गुजरती हैं – जैसे पेंशन, चिकित्सा, रोजगार और आश्रित बच्चों की शिक्षा। इस रैली में उनके लिए अलग से काउंटर लगाए जाएंगे ताकि उनकी परेशानियों को प्राथमिकता से हल किया जा सके।

🚺 Ex-Servicemen एवं परिवार के लिए सरकारी योजनाएँ 

पूर्व सैनिकों और उनके परिवारों के लिए सरकार की कई कल्याणकारी योजनाएँ उपलब्ध हैं। कुछ प्रमुख योजनाएँ इस प्रकार हैं :–

  • ECHS online योजना – स्वास्थ्य और उपचार सुविधाएँ।

  • Sparsh online  – पेंशन भुगतान और शिकायत निवारण।

  • UPNL के माध्यम से रोजगार – उत्तराखंड के सैनिकों को पुनः रोजगार के अवसर।

  • शिक्षा छात्रवृत्ति योजना – सैनिकों के बच्चों के लिए पढ़ाई में मदद।

  • आवास योजना – सैनिकों और वीर नारियों को रियायती दर पर घर उपलब्ध कराना।



Kumaon Regiment Centre Ranikhet #Somnath Ground Ranikhet #Health check up Camp


🚺 पूर्व सैनिक रैली (Ex-Servicemen Rally) में कैसे भाग लें ? 

पूर्व सैनिक, वीर नारियाँ और उनके आश्रित इस रैली में सीधे पहुँचकर भाग ले सकते हैं। इसके लिए किसी अलग पंजीकरण की आवश्यकता नहीं है।

    📌 स्थान : Kumaon Regiment Centre के Somnath Ground Ranikhet

    📌 तारीख : 28 सितम्बर 2025

    📌 समय : सुबह 9 बजे से शुरू 


🚺 पूर्व सैनिक रैली 2025 पूर्व सैनिकों और वीर नारियों के लिए एक सुनहरा अवसर है, जहाँ उन्हें अपनी समस्याओं के समाधान के साथ-साथ सरकारी योजनाओं की जानकारी भी मिलेगी। इस रैली के माध्यम से न केवल सैनिकों को सम्मान मिलेगा, बल्कि उनके जीवन स्तर को बेहतर बनाने के लिए आवश्यक सहयोग भी प्राप्त होगा।

राष्ट्र की रक्षा में अपना सब कुछ न्यौछावर करने वाले सैनिकों को यह आयोजन निश्चित रूप से सम्मान और सुविधा प्रदान करेगा।


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शुक्रवार, 5 सितंबर 2025

Indian Army widow benefits #वीर नारियों एवं शहीद सैनिकों के परिवारों हेतु आर्थिक मदद एवं कल्याणकारी योजनाएँ #Army Group Insurance Fund

वीर नारियों के लिए आर्थिक मदद और सरकारी सुविधाएँ योजनाएँ (Indian Army widow benefits) : जैसे Army Group Insurance Fund, कैंटीन स्मार्ट कार्ड आदि की पूरी जानकारी 2025 

Indian Army widow benefits #वीर नारियों के लिए आर्थिक मदद #Army Group Insurance Fund #आर्मी कैंटीन कार्ड सुविधा

भारत की सेना सिर्फ सैनिकों के पराक्रम और शौर्य के लिए ही नहीं, बल्कि उनके परिवारों की देखभाल के लिए भी जानी जाती है। जब कोई सैनिक शहीद होता है या सेवा के दौरान मृत्यु को प्राप्त होता है, तब उसके परिवार को विशेष आर्थिक मदद और योजनाओं का लाभ दिया जाता है। खासकर "वीर नारियाँ" (Shaheed Soldiers’ Widows) के लिए केंद्र सरकार, रक्षा मंत्रालय और सेना विभिन्न प्रकार की आर्थिक मदद योजनाएँ (Indian Army widow benefits) और सुविधाएँ उपलब्ध कराती है।


🚺 वीर नारियों के लिए आर्थिक मदद (Indian army widow benefits) 

भारतीय सेना और सरकार ने वीर नारियों तथा शहीद सैनिकों के परिवारों के लिए कई योजनाएँ चलाई हैं। इनमें शिक्षा, विवाह अनुदान, पेंशन, छात्रवृत्ति और अंतिम संस्कार के लिए सहायता राशि शामिल है।

📌 Extended Insurance Cover (विस्तारित बीमा कवर) 

  • लाभ : ₹7.5 लाख

  • यह लाभ सैनिक की मृत्यु के बाद मिलता है। यह कवर 30 साल तक या 75 वर्ष की आयु तक (जो भी पहले हो) उपलब्ध रहता है।

  • कैसे मिलेगा ? : AGI (Army Group Insurance Fund) निदेशालय के माध्यम से।

📌 Demise Grant (मृत्यु अनुदान) 

  • लाभ : ₹7,000

  • यह राशि सभी शहीद जवानों (JCOs/OR Veterans) के परिवार को दी जाती है।

  • कैसे मिलेगा ? : संबंधित स्टेशन मुख्यालय (Stn HQ) से।

📌 ADLRS – Assured Decent Last Rites Scheme 

  • लाभ : ₹10,000

  • शहीद सैनिक के अंतिम संस्कार के लिए यह राशि प्रदान की जाती है।

  • कैसे मिलेगा ? : URC / स्टेशन मुख्यालय / VSK के माध्यम से।

📌 AWWA Education Scholarship (शिक्षा छात्रवृत्ति योजना) 

AWWA (Army Wives Welfare Association) वीर नारियों के बच्चों के लिए शिक्षा अनुदान प्रदान करती है।

  • कक्षा 1 से 8 तक: ₹10,000 प्रति बच्चा (एक वर्ष में अधिकतम 2 बच्चे)

  • कक्षा 9 से 12 तक: ₹14,000 प्रति बच्चा

  • Graduation (स्नातक): ₹20,000 प्रति बच्चा

  • Post Graduation (स्नातकोत्तर): ₹25,000 प्रति बच्चा

  • Professional Course / Tech Grant: ₹50,000 प्रति बच्चा

  • Marriage Grant (विवाह अनुदान): ₹50,000 (सेवानिवृत्ति के बाद मृत्यु होने पर)

कैसे मिलेगा ?
ZSB/RSB/VSK/स्टेशन मुख्यालय के माध्यम से आवेदन करना होता है।

📌 DSP Saving Account (PAI) 

  • लाभ: ₹5,00,000 (सिर्फ आकस्मिक मृत्यु / दुर्घटना के मामले में)

  • कैसे मिलेगा?: State Bank of India (SBI) के माध्यम से।

📌 प्रधानमंत्री छात्रवृत्ति योजना (PMSS – Prime Minister’s Scholarship Scheme) 

  • लाभ :

    • लड़कों के लिए – ₹2,500 प्रति माह

    • लड़कियों के लिए – ₹3,000 प्रति माह

  • पात्रता : यह छात्रवृत्ति मेरिट बेसिस पर दी जाती है।

  • कैसे मिलेगा ?: ZSB / VSK / स्टेशन मुख्यालय के माध्यम से।

📌 Canteen Card army (आर्मी कैंटीन कार्ड सुविधा) 

  • शहीद सैनिक की पत्नी (Veer Nari) और परिवार को आर्मी कैंटीन की सुविधा मिलती है।

  • कैसे मिलेगा ? : ZSB / स्टेशन मुख्यालय / VSK के माध्यम से।

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✅ वीर नारियों के लिए संपर्क सूत्र :- 

यदि किसी वीर नारी को इन योजनाओं का लाभ प्राप्त करने में कठिनाई हो तो वह सीधे अपने अपने Records Office, Station HQ या Zila Sainik Kalyan Karyalaya से संपर्क कर सकती हैं।


🚺 यहाँ पर 58 गोरखा राइफल्स के contact details दिए गए हैं :- 


  • OIC, NER/Task Clerk

    • फोन : 0364-2585442 (सोमवार से शनिवार कार्य समय में)

  • CRO

    • फोन : 0364-2912417

  • ईमेल : khukri58@nic.in


क्र.लाभ का प्रकारपात्रता/लाभ

आवेदन/प्राप्ति का स्रोत



📌Extended Insurance Cover (विस्तारित बीमा कवर)₹7.5 लाख (30 वर्ष तक या 75 वर्ष की आयु तक, जो भी पहले हो)Army Group Insurance Fund (AGI) निदेशालय

📌
Demise Grant (मृत्यु अनुदान)₹7,000 (सभी मृतक JCOs/OR वेटरन्स)संबंधित स्टेशन मुख्यालय
📌Assured Decent Last Rites Scheme (ADLRS)₹10,000 (अंतिम संस्कार हेतु सहायता)URC/ स्टेशन मुख्यालय / VSK

📌AWWA शिक्षा छात्रवृत्ति (Education Scholarship)- कक्षा 1 से 8 तक: ₹10,000 प्रति बच्चा


भारत की वीर नारियाँ राष्ट्र की असली शक्ति हैं। उनके पति ने देश के लिए सर्वोच्च बलिदान दिया है, इसलिए सरकार और सेना यह सुनिश्चित करती हैं कि उनके परिवार को किसी भी प्रकार की आर्थिक कठिनाई न झेलनी पड़े।

इन योजनाओं जैसे : –

  • Army Group Insurance Fund Scheme

  • प्रधानमंत्री छात्रवृत्ति योजना

  • AWWA शिक्षा छात्रवृत्ति

  • आर्मी कैंटीन कार्ड सुविधा

  • विवाह अनुदान व पेंशन योजनाएँ

के माध्यम से वीर नारियों और उनके बच्चों को एक सम्मानजनक जीवन जीने में मदद मिलती है।


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Request:- अगर आप लोगों को इस प्रकार की जानकारी फायदेमंद लगती हो तो कृपया यहां से आप अपने मोबाइल स्क्रीन को डेस्कटॉप साईट पर रखने के लिए दाएं ऊपर तीन बिन्दुओं : पर क्लिक करके Desktop Site पर क्लिक करें और उसके बाद आपके बाएं तरफ सबसे ऊपर Follow के ऑप्शन को क्लिक कर दें ताकि समय समय पर आपको वेलफेयर सम्बंधित latest जानकारी मिलती रहे।

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सोमवार, 1 सितंबर 2025

Dgr job in Lucknow #लखनऊ में भूतपूर्व सैनिकों के लिए विशेष रोजगार मेला : जानिए आवेदन और अवसर #Directorate General Resettlement

Directorate General Resettlement लखनऊ में भूतपूर्व सैनिकों के लिए विशेष रोजगार मेला (Dgr job fair) : जानिए कैसे करें आवेदन और क्या क्या हैं अवसर...?



Ex-servicemen का अनुशासन, अनुभव और कौशल इसे विशेष बनाते हैं। यह मेला एक सम्मान और अवसर दोनों है — “सेवा के बाद दूसरा करियर”। 

क्या आप एक भूतपूर्व सैनिक (Ex-servicemen) हैं और सेवानिवृत्ति के बाद एक नई करियर की तलाश में हैं ? अगर हाँ, तो आपके लिए लखनऊ में एक सुनहरा अवसर है। रक्षा मंत्रालय के तहत पुनर्वास महानिदेशालय (Directorate General Resettlement) द्वारा भूतपूर्व सैनिकों के लिए एक विशेष रोजगार मेले का आयोजन किया जा रहा है। यह मेला आपके अनुभव, अनुशासन और कौशल को नागरिक जीवन की नौकरियों से जोड़ने के लिए एक बेहतरीन मंच प्रदान करेगा।

🚺 DGR jobs for ex-servicemen की प्रमुख जानकारी :- 

  • आयोजनकर्ता : पुनर्वास महानिदेशालय (Directorate General Resettlement), रक्षा मंत्रालय

  • स्थान : लखनऊ, उत्तर प्रदेश

  • तिथि : 18 सितंबर 2025 (ध्यान दें: यह मेला पहले 22 अगस्त 2025 को निर्धारित था, लेकिन अब इसे स्थगित कर दिया गया है।)

  • किनके लिए है : भारतीय थलसेना, नौसेना और वायुसेना के सभी रैंकों (अधिकारी, JCO/OR) के Ex-servicemen और उनके आश्रित

🚺 रोजगार मेले (dgr job fair) की मुख्य बातें :- 

इस जॉब फेयर में देश भर से प्रमुख निजी और सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनियां हिस्सा लेंगी, जो पूर्व सैनिकों की विशिष्ट क्षमताओं को पहचानती हैं। यहाँ आपको विभिन्न क्षेत्रों में नौकरी के अवसर मिलेंगे, जिनमें शामिल हैं :- 

  • सुरक्षा सेवाएँ

  • प्रशासन और प्रबंधन

  • लॉजिस्टिक्स और सप्लाई चेन

  • तकनीकी और आई.टी.

  • मानव संसाधन (HR)

  • वित्तीय सेवाएँ


🚺 Dgr jobs for ex-servicemen की आवेदन प्रक्रिया : कैसे करें पंजीकरण ? 

इस रोजगार मेले में भाग लेने के लिए ऑनलाइन पंजीकरण अनिवार्य है। यह प्रक्रिया पूरी तरह से निःशुल्क है।

  1. सबसे पहले, DGR (Directorate General Resettlement) की आधिकारिक वेबसाइट dgrindia.gov.in पर जाएँ।

  2. वेबसाइट पर "Job Fair" सेक्शन को खोजें और उस पर क्लिक करें।

  3. यहां आपको लखनऊ रोजगार मेले के लिए पंजीकरण लिंक मिलेगा।

  4. पंजीकरण फॉर्म में मांगी गई सभी जानकारी सही-सही भरें।

  5. अपना रिज्यूमे (CV) अपलोड करना न भूलें।


🚺 क्यों है यह dgr job fair महत्वपूर्ण ?

  • सीधा संपर्क : आपको सीधे नियोक्ताओं से मिलने और इंटरव्यू देने का मौका मिलेगा।

  • विशेषज्ञता का सम्मान : कंपनियां आपकी सैन्य विशेषज्ञता, नेतृत्व क्षमता और टीम वर्क जैसे गुणों को महत्व देती हैं।

  • विभिन्न अवसर : एक ही जगह पर आपको कई कंपनियों और अलग-अलग तरह की नौकरियों के बारे में जानकारी मिलेगी, जिससे आपकी पसंद की नौकरी खोजना आसान होगा।

  • निशुल्क सेवा : पंजीकरण से लेकर भाग लेने तक, यह पूरी प्रक्रिया निःशुल्क है, जिसका उद्देश्य सिर्फ पूर्व सैनिकों को सहायता प्रदान करना है।

अगर आप लखनऊ या आसपास के क्षेत्रों में रहते हैं और एक उपयुक्त नौकरी की तलाश में हैं, तो इस अवसर को हाथ से न जाने दें। ऑनलाइन पंजीकरण करें और अपनी दूसरी पारी के लिए तैयार हो जाएँ।

🚺 dgr jobs for ex-servicemen की अधिक जानकारी के लिए :  आप Directorate General Resettlement की वेबसाइट पर या उनके संबंधित अधिकारियों से संपर्क कर सकते हैं। यह मेला न केवल नौकरी का अवसर है, बल्कि यह आपके सम्मान और अनुभव को नागरिक कार्यबल में शामिल करने का एक बड़ा कदम है।

🚺 संपर्क सूत्र :- dgr vacancy ex servicemen in Lucknow हेतू ज्यादा जानकारी प्राप्त करने के लिए आप लोग यहाँ संपर्क कर सकते हैं 

   📌 Jt Director, DIRECTORATE GENERAL RESETTLEMENT (W) - 0522 2482833, 9935250104 (drzclkw@desw.gov.in)
     

 📌 Jt Director, DIRECTORATE GENERAL RESETTLEMENT (CI) - 011 20863432 (seopadgr@desw.gov.in)

🔑कृपया इन्हें भी जरूर जानें :- 


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✅ कुमाऊं रेजिमेंट के थल सेना प्रमुख एवं kumaon regiment ranikhet के परमवीर चक्र विजेता...🌺 


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✅Daughter Marriage हेतू १ से २ लाख रुपए की आर्थिक मदद यहां 👇 से प्राप्त करें ...🌹


✅ विकलांग Ex-servicemen एवं उनके आश्रितों के लिए आर्थिक मदद ...🌹


✅ ECHS के लिए आश्रितों की पात्रता...🌹



नोट :- इसी प्रकार केन्द्रीय कर्मचारियों, Servicemen, Ex-Servicemen, Defence Pensioners और common people से संबंधित सटीक जानकारी के लिए आप इस लिंक 👉 https://adhikariarmy.blogspot.com पर क्लिक कर सकते हैं या आप Google पर सीधे https://adhikariarmy.blogspot.com टाईप कर सकते हैं।

Request:- अगर आप लोगों को इस प्रकार की जानकारी फायदेमंद लगती हो तो कृपया यहां से आप अपने मोबाइल स्क्रीन को डेस्कटॉप साईट पर रखने के लिए दाएं ऊपर तीन बिन्दुओं : पर क्लिक करके Desktop Site पर क्लिक करें और उसके बाद आपके बाएं तरफ सबसे ऊपर Follow के ऑप्शन को क्लिक कर दें ताकि समय समय पर आपको वेलफेयर सम्बंधित latest जानकारी मिलती रहे।

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