शनिवार, 23 अगस्त 2025

कुमाऊं रेजिमेंट के 3 थल सेना प्रमुख #kumaon regiment ranikhet #भारतीय सेना के अदम्य साहस और सर्वोच्च बलिदान के प्रतीक परमवीर चक्र विजेता

भारतीय सेना के कुमाऊं रेजिमेंट (Kumaon Regiment Ranikhet) के थल सेना प्रमुख : शौर्य और पराक्रम की अमर गाथा / अदम्य साहस और सर्वोच्च बलिदान के प्रतीक परमवीर चक्र विजेता 


कुमाऊं रेजिमेंट #सोमनाथ शर्मा #थल सेना प्रमुख #kumaon regiment ranikhet

परिचय : भारतीय सेना की कुमाऊं रेजिमेंट, अपने असाधारण शौर्य, पराक्रम और बलिदान के लिए जानी जाती है। उत्तराखंड के रानीखेत में स्थित यह रेजिमेंट भारतीय सैन्य इतिहास के सबसे गौरवशाली अध्यायों में से एक है। इस रेजिमेंट ने देश को कई महान योद्धा और तीन सेना अध्यक्ष दिए हैं, जिन्होंने अपनी वीरता और नेतृत्व से देश का मस्तक ऊंचा किया है। आज हम कुमाऊं रेजिमेंट के उन तीन महान जनरलों की बात करेंगे, जिन्होंने अपनी असाधारण सेवा से रेजिमेंट और राष्ट्र को गौरवान्वित किया। "पराक्रमो विजयते" : कुमाऊं रेजिमेंट का आदर्श वाक्य है 


1. जनरल एस.एम. श्रीनागेश (General S. M. Shrinagesh): एक दूरदर्शी लीडर / भारतीय सेना को आधुनिक बनाने वाले सेनाध्यक्ष 

जनरल सत्यवंत मल्लनह श्रीनागेश, कुमाऊं रेजिमेंट (Kumaon Regiment Ranikhet) से आने वाले पहले भारतीय थल सेना प्रमुख थे। उनका कार्यकाल 14 मई 1955 से 7 मई 1957 तक रहा। वे हैदराबाद रेजिमेंट से जुड़े थे, जो बाद में कुमाऊं रेजिमेंट का हिस्सा बनी। श्रीनागेश एक दूरदर्शी नेता थे जिन्होंने भारतीय सेना को आधुनिक बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। उनका योगदान न केवल युद्ध के मैदान में था, बल्कि उन्होंने भारतीय सेना की संरचना और प्रशिक्षण में भी सुधार किया, जिससे यह भविष्य की चुनौतियों के लिए तैयार हो सके।

 

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2. जनरल के.एस. थिमैया (General K. S. Thimayya): द्वितीय विश्व युद्ध और कोरिया युद्ध के वीर नायक  

जनरल कोडंडेरा सुबैया थिमैया, जिन्हें प्यार से 'कोडर' के नाम से जाना जाता था, कुमाऊं रेजिमेंट के एक और रत्न थे। उन्होंने 1957 से 1961 तक भारतीय थल सेना प्रमुख के रूप में कार्य किया। द्वितीय विश्व युद्ध में उनके असाधारण पराक्रम के लिए उन्हें विशेष रूप से याद किया जाता है। कोरियाई युद्ध में संयुक्त राष्ट्र सेना के भारतीय प्रतिनिधिमंडल के प्रमुख के रूप में उनका नेतृत्व सराहनीय रहा। जनरल थिमैया अपनी निडरता, रणनीतिक कौशल और सैनिकों के प्रति गहरे लगाव के लिए जाने जाते थे। उनकी नेतृत्व क्षमता ने भारतीय सेना को कई महत्वपूर्ण चुनौतियों से उबरने में मदद की।


3. जनरल टी.एन. रैना (General T. N. Raina) : 1971 भारत-पाक युद्ध के रणनीतिक विजेता  

जनरल तपीश्वर नारायण रैना, कुमाऊं रेजिमेंट (Kumaon Regiment Ranikhet) के तीसरे थल सेना प्रमुख थे, जिन्होंने 1975 से 1978 तक इस पद को संभाला। 1971 के भारत-पाक युद्ध में उनकी भूमिका अत्यंत महत्वपूर्ण थी। उस समय वे एक कोर कमांडर के रूप में पूर्वी मोर्चे पर तैनात थे और उनकी कुशल रणनीति और नेतृत्व ने युद्ध में भारत की जीत में अहम योगदान दिया। जनरल रैना को उनकी दृढ़ता, व्यावसायिकता और असाधारण सैन्य कौशल के लिए जाना जाता है। उन्होंने भारतीय सेना को कई संकटों से उबारा और उसे नई ऊंचाइयों पर ले गए।

 

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 (General T. N. Raina) 


शौर्य के अन्य प्रतीक एवं PVC Winners : मेजर सोमनाथ शर्मा (Major Somnath Sharma) और मेजर शैतान सिंह (Major Shaitan Singh) अदम्य साहस और सर्वोच्च बलिदान का प्रतीक 

इन तीन जनरलों के अलावा, कुमाऊं रेजिमेंट ने दो ऐसे परमवीर चक्र विजेता (PVC Winners) भी दिए हैं, जिनकी वीरता की गाथाएं आज भी हर भारतीय को प्रेरित करती हैं :

  • मेजर सोमनाथ शर्मा (Major Somnath Sharma) : स्वतंत्र भारत के प्रथम परमवीर चक्र विजेता :-  ये स्वतंत्र भारत के पहले परमवीर चक्र विजेता हैं। 1947 के भारत-पाक युद्ध में बड़गाम में अपनी टुकड़ी का नेतृत्व करते हुए उन्होंने अदम्य साहस का परिचय दिया और सर्वोच्च बलिदान दिया।

 

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 मेजर सोमनाथ शर्मा  

  • मेजर शैतान सिंह (Major Shaitan Singh) : 1962 के भारत-चीन युद्ध में रेजांग ला की लड़ाई में उन्होंने चीनी सेना के खिलाफ अविस्मरणीय वीरता दिखाई। सीमित संसाधनों के बावजूद, उन्होंने और उनकी टुकड़ी ने दुश्मनों को भारी नुकसान पहुंचाया, जिसके लिए उन्हें मरणोपरांत परमवीर चक्र से सम्मानित किया गया।

 

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 मेजर शैतान सिंह  

निष्कर्ष : कुमाऊं रेजिमेंट भारतीय सेना का गौरव है। जनरल एस.एम. श्रीनागेश, जनरल के.एस. थिमैया और जनरल टी.एन. रैना जैसे महान सेना अध्यक्षों और मेजर सोमनाथ शर्मा और मेजर शैतान सिंह जैसे परमवीर चक्र विजेताओं ने इस रेजिमेंट के नाम को स्वर्णिम अक्षरों में अंकित किया है। उनकी वीरता, नेतृत्व और बलिदान की कहानियाँ हमें हमेशा प्रेरणा देती रहेंगी और भारतीय सेना के अदम्य साहस का प्रतीक बनी रहेंगी। यह रेजिमेंट आज भी "पराक्रमो विजयते" (शौर्य से विजय) के अपने आदर्श वाक्य को चरितार्थ करते हुए देश की सेवा में अग्रणी है।

 

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मंगलवार, 19 अगस्त 2025

आर्मी ग्रुप इंश्योरेंस (AGIF/EAGIF) : भारतीय सेना के वीर जवानों का सहारा #सैनिक जीवन बीमा #Army Group Insurance

AGIF (Army group insurance fund और एक्सटेंडेड आर्मी ग्रुप इंश्योरेंस फण्ड (EAGIF) : भारतीय सैनिकों और उनके परिवारों की आर्थिक मदद...🌹 

 

AGIF (Army group insurance fund ) #आर्थिक मदद #Army Group Insurance

भारतीय सेना के जवान देश की रक्षा के लिए अपनी जान जोखिम में डालते हैं। उनके और उनके परिवार के भविष्य को सुरक्षित रखने के लिए आर्मी ग्रुप इंश्योरेंस फंड (AGIF) और एक्सटेंडेड आर्मी ग्रुप इंश्योरेंस फंड (EAGIF) एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। यह योजनाएं सैन्य कर्मियों और उनके परिवारों को आर्थिक मदद प्रदान करती हैं, चाहे वे सेवा में हों या सेवानिवृत्त हो चुके हों। यह ब्लॉग पोस्ट AGIF और EAGIF के विभिन्न पहलुओं पर प्रकाश डालेगा, जिसमें उनके उद्देश्य, लाभ, पात्रता मानदंड और आवेदन प्रक्रिया शामिल है।

 

👉 Army Group Insurance क्या है

आर्मी ग्रुप इंश्योरेंस (AGIF) भारतीय सेना के सेवारत कर्मियों के लिए एक जीवन बीमा और बचत योजना है। इसे 1976 में शुरू किया गया था और इसका मुख्य उद्देश्य सैन्य कर्मियों और उनके परिवारों को अप्रत्याशित घटनाओं, जैसे मृत्यु या विकलांगता, की स्थिति में आर्थिक मदद प्रदान करना है। इसके अतिरिक्त, यह सेवा निवृत्ति पर एक एकमुश्त परिपक्वता लाभ भी प्रदान करता है।

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👉 AGIF भारतीय सेना की एक स्वनियोजित बीमा संस्था (Self-financing Insurance Scheme) है। यह सभी सैनिकों और अधिकारियों के लिए अनिवार्य (Mandatory) है।

    📌 हर सैनिक की मासिक वेतन से कुछ अंशदान कटता है।

    📌 यह राशि एक बड़े फंड में जमा होती है।

    📌 किसी सैनिक के निधन या विकलांग होने की स्थिति में यही फंड उसके परिवार को जीवन बीमा राशि (Insurance Amount) उपलब्ध कराता है।

👉 सरल शब्दों में, AGIF सैनिक और उसके परिवार की आर्थिक सुरक्षा का कवच है।

 

Army group insurance का मुख्य उद्देश्य : 

  • सेवा के दौरान मृत्यु होने पर परिवार को आर्थिक मदद
  • विकलांगता की स्थिति में वित्तीय कवरेज
  • सेवानिवृत्ति पर परिपक्वता लाभ
  • अन्य लाभ, जैसे छात्रवृत्ति योजना और विस्तारित बीमा योजना

 

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Army group insurance का संचालन कैसे होता है

        📍 इसका प्रबंधन Army Headquarters द्वारा किया जाता है।

    📍 हर सैनिक और अधिकारी की मासिक वेतन से प्रीमियम कटता है।

    📍 यह राशि फंड में जमा होकर Insurance, Loan और Welfare Activities में उपयोग होती है।

    📍 सभी दावे (Claims) सीधे AGIF Office द्वारा सेटल किए जाते हैं।

 

EAGIF / EI क्या है

एक्सटेंडेड आर्मी ग्रुप इंश्योरेंस फंड (EAGIF), जिसे AGIF एक्सटेंडेड इंश्योरेंस (EI) स्कीम भी कहा जाता है, सेवानिवृत्त सैन्य कर्मियों के लिए है। यह 1 जनवरी, 1981 को शुरू की गई थी। इसका उद्देश्य सेवानिवृत्ति के बाद भी सैनिकों को वित्तीय सुरक्षा प्रदान करना है। यह योजना सेवामुक्त हुए सैन्यकर्मियों को एक निश्चित अवधि के लिए बीमा कवर प्रदान करती है, जिससे वे नागरिक जीवन में संक्रमण के दौरान भी सुरक्षित महसूस कर सकें।

 

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👉 AGIF और EAGIF के प्रमुख लाभ 

Army group insurance fund और EAGIF कई महत्वपूर्ण लाभ प्रदान करते हैं जो सैन्य कर्मियों और उनके परिवारों के लिए अत्यंत मूल्यवान हैं :-

1. जीवन बीमा कवर 

यह योजना सैन्य कर्मियों को युद्ध या युद्ध जैसी स्थिति सहित सभी जोखिमों के खिलाफ जीवन बीमा कवर प्रदान करती है। मृत्यु की स्थिति में, नामित व्यक्ति को एक बड़ी बीमा राशि (अधिकारियों के लिए ₹1 करोड़ और JCO/ORs के लिए ₹50 लाख) प्राप्त होती है, जो परिवार की वित्तीय स्थिरता सुनिश्चित करती है।

2. विकलांगता लाभ 

यदि कोई सैनिक सेवा के दौरान विकलांग हो जाता है, तो AGIF विकलांगता लाभ प्रदान करता है। 100% विकलांगता की स्थिति में, अधिकारियों को ₹25 लाख और PBORs (पर्सनल बिलो ऑफिसर रैंक) को ₹12.5 लाख तक की राशि मिलती है। यह राशि उन्हें और उनके परिवार को जीवनयापन में सहायता करती है।

3. Army group insurance maturity के लाभ 

सेवानिवृत्ति पर, सैन्य कर्मियों को उनके योगदान और अर्जित ब्याज के आधार पर एक एकमुश्त परिपक्वता लाभ प्राप्त होता है। यह राशि सेवानिवृत्ति के बाद उनके वित्तीय संसाधनों को बढ़ाने में मदद करती है और उन्हें नागरिक समाज में पुनर्वास में सहायता करती है।

4. विस्तारित बीमा योजना (EAGIF) 

यह योजना सेवानिवृत्त कर्मियों को निश्चित अवधि के लिए बीमा कवरेज प्रदान करती है। अधिकारियों के लिए 80 वर्ष की आयु तक और JCOs/ORs के लिए 75 वर्ष की आयु तक कवरेज प्रदान किया जाता है। यह सेवानिवृत्ति के बाद भी चिकित्सा व्यय या अन्य अप्रत्याशित जरूरतों के लिए एक महत्वपूर्ण वित्तीय सुरक्षा जाल प्रदान करता है।

5. गृह ऋण योजना (AGIF Home Loan) 

AGIF अपने सदस्यों को प्रतिस्पर्धी ब्याज दरों पर गृह ऋण भी प्रदान करता है। यह सेवारत और सेवानिवृत्त दोनों कर्मियों को अपना घर खरीदने, बनाने या नवीनीकृत करने में मदद करता है। यह योजना बिना किसी प्रोसेसिंग फीस के उपलब्ध है और 20 साल तक की पुनर्भुगतान अवधि प्रदान करती है। ऋण की अधिकतम राशि रैंक के आधार पर भिन्न होती है (अधिकारियों के लिए ₹80 लाख तक, JCOs के लिए ₹35 लाख और ORs के लिए ₹30 लाख)।

6. स्कॉलरशिप योजना 

AGIF सैन्य कर्मियों के बच्चों के लिए शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए छात्रवृत्ति योजनाएं भी प्रदान करता है। यह शिक्षा के लिए वित्तीय सहायता प्रदान करता है, जिससे बच्चों को बेहतर भविष्य बनाने में मदद मिलती है।

7. अन्य कल्याणकारी अनुदान 

AGIF विभिन्न अन्य कल्याणकारी अनुदान भी प्रदान करता है, जैसे कि कन्या विवाह अनुदान, विधवा पुनर्विवाह अनुदान, और चिकित्सा उपचार अनुदान

 

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👉 Army group insurance के लिए पात्रता और आवेदन प्रक्रिया  :- 

पात्रता : 

  • AGIF : भारतीय सेना के सभी सेवारत कर्मी, जिनमें अधिकारी, JCOs और ORs शामिल हैं, Army group insurance fund के लिए पात्र हैं।
  • EAGIF : AGIF के सदस्य जो सेवानिवृत्त हो चुके हैं, EAGIF के लिए पात्र हैं। यह योजना उन लोगों पर लागू होती है जो 31 दिसंबर, 1980 के बाद सेवानिवृत्त हुए हैं। AGIF गृह ऋण के लिए, न्यूनतम 5 साल की सेवा आवश्यक है।

Army insurance group के लिए आवेदन प्रक्रिया

Army insurance group के लिए नामांकन सेवा में शामिल होने पर स्वचालित रूप से हो जाता है। हालांकि, विभिन्न लाभों का दावा करने या गृह ऋण के लिए आवेदन करने के लिए एक विशिष्ट प्रक्रिया का पालन करना होता है।

EAGIF दावा प्रक्रिया (मृत्यु की स्थिति में)

    🚺 वैधता अवधि सत्यापित करें : सुनिश्चित करें कि बीमा कवर अभी भी वैध है।

   🚺 आवश्यक दस्तावेज इकट्ठा करें :

    • हाथ से लिखा या टाइप किया हुआ आवेदन पत्र।
    • मूल विस्तारित AGI प्रमाणपत्र।
    • मृत्यु प्रमाण पत्र।
    • बैंक पासबुक की प्रति।
    • आधार कार्ड और पैन कार्ड की स्व-सत्यापित प्रतियां।
      🚺 जिला सैनिक बोर्ड (ZSB) पर जाएं : ZSB अधिकारी दस्तावेजों को सत्यापित करेंगे और सिफारिश प्रदान करेंगे।
  🚺 AGIF कार्यालय को दस्तावेज भेजें : सभी दस्तावेजों को स्पीड पोस्ट के माध्यम से आर्मी ग्रुप इंश्योरेंस फंड, एजीआई भवन, पोस्ट बैग नंबर 14, वसंत विहार, नई दिल्ली-110057 (ZSB के माध्यम से) पर भेजें।
  🚺 सीधा क्रेडिट प्राप्त करें : AGIF दस्तावेज प्राप्त होने के बाद दावे पर कार्रवाई करेगा और राशि सीधे बैंक खाते में जमा कर देगा।

निष्कर्ष :- Army group insurance (AGIF) और एक्सटेंडेड आर्मी ग्रुप इंश्योरेंस फंड (EAGIF) भारतीय सेना के कर्मियों और उनके परिवारों के लिए एक मजबूत आर्थिक मदद प्रदान करते हैं। ये योजनाएं न केवल अप्रत्याशित घटनाओं से सुरक्षा प्रदान करती हैं, बल्कि सेवानिवृत्ति के बाद भी वित्तीय स्थिरता सुनिश्चित करती हैं। सैन्य कर्मियों को इन योजनाओं के लाभों को समझना और उनका अधिकतम लाभ उठाना महत्वपूर्ण है।

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 🔑कृपया इन्हें भी जरूर जानें :- 


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नोट :- इसी प्रकार केन्द्रीय कर्मचारियों, Servicemen, Ex-Servicemen और Defence Pensioners से संबंधित सटीक जानकारी के लिए आप इस लिंक 👉 https://adhikariarmy.blogspot.com पर क्लिक कर सकते हैं या आप Google पर सीधे adhikariarmy.blogspot.com टाईप कर सकते हैं।

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