सोमवार, 6 फ़रवरी 2023

इंडियन आर्मी में अग्निवीर बनने के लिए पात्रता मापदंड

     

     भारत की सेना दुनिया की सबसे बड़ी और प्रमुख सेनाओं में से एक है। हमारे देश में करीब 14 लाख से ज्यादा सक्रिय सैनिकों की ताकत है। हमारी सेना मुख्यतः तीन भागों में बंटी हैं - थल सेना (Indian Army), नौसेना (Indian Navy) और वायु सेना (Indian Air Force)। इनके अंतर्गत कई शाखाएं आती हैं। ये सशस्त्र सेनाएं देश के हर हिस्से की सुरक्षा सुनिश्चित करती हैं। 

     भारतीय सेना की हर शाखा का अपना अलग-अलग ध्येय वाक्य (Motto) है। इन सभी का अपना मतलब है, जो उस सेना की पहचान है। ये ऐसे वाक्य हैं जिनसे हमारी सेना का शौर्य और पराक्रम साफ झलकता है। आगे की स्लाइड्स में हम आपको देश की सेनाओं के ध्येय वाक्य और उनका मतलब बता रहे हैं, जो हर देशवासी को जरूर जानने चाहिए।

भारतीय थलसेना का ध्येय वाक्य है :-

'सर्विस बिफोर सेल्फ'। 
इसका अर्थ है - खुद से पहले सेवा।

भारतीय वायु सेना का ध्येय वाक्य है :-

'नभस्पर्शं दीप्तम्'।
इसका अर्थ है - गर्व से आकाश को छुओ। यह वाक्य गीता के ग्यारहवें अध्याय से लिया गया है। जहां महाभारत के महायुद्ध के दौरान कुरुक्षेत्र में भगवान श्री कृष्ण अर्जुन को उपदेश दे रहे हैं। यह उसी का एक अंश है।

भारतीय नौसेना का ध्येय वाक्य है :-

 'शन्नो वरुणः'।
इसका अर्थ - समुद्र के देवता हम पर कृपा करो।

     भारतीय थल सेना में अग्निवीर बनने के लिए पात्रता मापदंड (Eligibility Criteria) निर्धारित किया गया है। जो भी इच्छुक युवा भारतीय थल सेना में शामिल होना चाहते हैं, उन्हें इसे जरूर जानना चाहिए।















नोट :-  केन्द्रीय कर्मचारियों, सेना में शामिल होने वाले युवाओं और पेंशन धारकों के वेलफेयर सम्बन्धित सटीक और ताजा जानकारी के लिए आप Google पर सीधे adhikariarmy.blogspot.com टाइप करके भी प्राप्त कर सकते हैं।

जय हिन्द।
Thank you very much.

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